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हाथों को मेरे जिसने है थामा वो है श्यामधणी,
विपदाओं से जिसने निकाला वो है श्यामधणी...

हाथों को मेरे जिसने है थामा वो है श्यामधणी,
विपदाओं से जिसने निकाला वो है श्यामधणी...


तुम ही हो माता तुम ही पिता हो भाई तुम्ही हो तुम ही सखा हो,
हाथों को अपने आगे बढ़ाओ मुझ बेबस को गले से लगाओ,
अपने सखा की लाज जो राखे वो है श्यामधणी,
हाथों को मेरे जिसने है थामा वो है श्यामधणी...

सारी दुनिया का ठुकराया घूम लिया जग दर तेरे आया,
दर तेरे आके सर को झुकाया आँखे थी बरसी मन हर्षाया,
आंसू को मेरे जिसने था पोंछा  वो है श्यामधणी,
हाथों को मेरे जिसने है थामा वो है श्यामधणी...

सूरत की गर्मी से लेकर फूलों की खुशबू तक तुम्हे,
जो भी हार दर तेरे आया उस हारे का सहारा तुम हो,
मोहित के जीवन का सहारा  वो है श्यामधणी,
हाथों को मेरे जिसने है थामा वो है श्यामधणी...

हाथों को मेरे जिसने है थामा वो है श्यामधणी,
विपदाओं से जिसने निकाला वो है श्यामधणी...




haathon ko mere jisane hai thaama vo hai shyaamdhani,
vipadaaon se jisane nikaala vo hai shyaamdhani...

haathon ko mere jisane hai thaama vo hai shyaamdhani,
vipadaaon se jisane nikaala vo hai shyaamdhani...


tum hi ho maata tum hi pita ho bhaai tumhi ho tum hi skha ho,
haathon ko apane aage badahaao mujh bebas ko gale se lagaao,
apane skha ki laaj jo raakhe vo hai shyaamdhani,
haathon ko mere jisane hai thaama vo hai shyaamdhani...

saari duniya ka thukaraaya ghoom liya jag dar tere aaya,
dar tere aake sar ko jhukaaya aankhe thi barasi man harshaaya,
aansoo ko mere jisane tha ponchha  vo hai shyaamdhani,
haathon ko mere jisane hai thaama vo hai shyaamdhani...

soorat ki garmi se lekar phoolon ki khushaboo tak tumhe,
jo bhi haar dar tere aaya us haare ka sahaara tum ho,
mohit ke jeevan ka sahaara  vo hai shyaamdhani,
haathon ko mere jisane hai thaama vo hai shyaamdhani...

haathon ko mere jisane hai thaama vo hai shyaamdhani,
vipadaaon se jisane nikaala vo hai shyaamdhani...








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