यमुना के तट पर मारी नजरियाँ एसी सांवरियां ने,
घ्याल हो गई पल में के गजरा गिर गया यमुनाजल में,
लेने गगरियाँ गई थी बजारियां,
बजारियां में मिल गया वो बांके सांवरियां,
गगरी मेरी छीन के उसने बाईया मरोड़ी,
बाई यु मरोड़ के पूछे क्या मर्जी है तेरी,
फिर ऐसे मैं शरमाई निकला वो तो हरजाई,
चली गई इक पल में, के गजरा गिर गया यमुनाजल में,
यमुना के तट पर मारी नजरियाँ एसी सांवरियां ने
प्रीत में उसके एसी खोई ना मैं जागी ना मैं सोई,
मेरा अंचल पायल का जल तीनो कर गया घ्याल,
थर थर काँपे मेरी काय ढोल रह मेरा मन,
फिर कांटे कटे न वो नैना वैरी छीन के लै गयो छैना,
छली गई इक पल में गजरा गिर गया यमुना जल में,
यमुना के तट पर मारी नजरियाँ एसी सांवरियां ने
yamuna ke tat par maari najariyaan esi saanvariyaan ne,
ghyaal ho gi pal me ke gajara gir gaya yamunaajal me
lene gagariyaan gi thi bajaariyaan,
bajaariyaan me mil gaya vo baanke saanvariyaan,
gagari meri chheen ke usane baaeeya marodi,
baai yu marod ke poochhe kya marji hai teri,
phir aise mainsharamaai nikala vo to harajaai,
chali gi ik pal me, ke gajara gir gaya yamunaajal me,
yamuna ke tat par maari najariyaan esi saanvariyaan ne
preet me usake esi khoi na mainjaagi na mainsoi,
mera anchal paayal ka jal teeno kar gaya ghyaal,
thar thar kaanpe meri kaay dhol rah mera man,
phir kaante kate n vo naina vairi chheen ke lai gayo chhaina,
chhali gi ik pal me gajara gir gaya yamuna jal me,
yamuna ke tat par maari najariyaan esi saanvariyaan ne
yamuna ke tat par maari najariyaan esi saanvariyaan ne,
ghyaal ho gi pal me ke gajara gir gaya yamunaajal me