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कोई जब तुम्हारा सहारा ना हो,
फँसी नाव को जब किनारा ना हो,

कोई जब तुम्हारा सहारा ना हो,
फँसी नाव को जब किनारा ना हो,
तब तुम चले आना दरबार में,
ये बाबा खड़ा है, खड़ा ही रहेगा तुम्हारे लिये...


अंधेरो भरी हर तेरी राहा में,
चले बन उजाला तेरे साथ में,
हो रंगीन पल या ग़मों की घड़ी,
तेरा हाथ होगा सदा हाथ में,
तन्हाई जो तुझको डराने लगे,
कदम ग़र तेरे डगमगाने लगे,
तब तुम चले आना दरबार...

है ख़ुशियों में साथी तेरे हर कोई,
बुरे वक्त में सब बदल जाएँगे,
समझता रहा तू जिन्हें हमसफ़र,
तुझे छोड़ आगे निकल जाएँगे,
जब अपने भी आँखे दिखाने लगे,
ज़माना भी ठोकर लगाने लगे,
तब तुम चले आना दरबार...

घड़ी दो घड़ी की तेरी ज़िन्दगी,
ये पानी के जैसे गुज़र जाएगी,
कर ले भजन तू मेरे श्याम का,
जो बिगड़ी है वो भी संवर जाएगी,
तरुण जब समय पास आने लगे,
ये साँसे भी हाथों से जाने लगे,
तब तुम चले आना दरबार...

कोई जब तुम्हारा सहारा ना हो,
फँसी नाव को जब किनारा ना हो,
तब तुम चले आना दरबार में,
ये बाबा खड़ा है, खड़ा ही रहेगा तुम्हारे लिये...




koi jab tumhaara sahaara na ho,
phansi naav ko jab kinaara na ho,

koi jab tumhaara sahaara na ho,
phansi naav ko jab kinaara na ho,
tab tum chale aana darabaar me,
ye baaba khada hai, khada hi rahega tumhaare liye...


andhero bhari har teri raaha me,
chale ban ujaala tere saath me,
ho rangeen pal ya gamon ki ghadi,
tera haath hoga sada haath me,
tanhaai jo tujhako daraane lage,
kadam gar tere dagamagaane lage,
tab tum chale aana darabaar...

hai kahushiyon me saathi tere har koi,
bure vakt me sab badal jaaenge,
samjhata raha too jinhen hamasapahar,
tujhe chhod aage nikal jaaenge,
jab apane bhi aankhe dikhaane lage,
zamaana bhi thokar lagaane lage,
tab tum chale aana darabaar...

ghadi do ghadi ki teri zindagi,
ye paani ke jaise guzar jaaegi,
kar le bhajan too mere shyaam ka,
jo bigadi hai vo bhi sanvar jaaegi,
tarun jab samay paas aane lage,
ye saanse bhi haathon se jaane lage,
tab tum chale aana darabaar...

koi jab tumhaara sahaara na ho,
phansi naav ko jab kinaara na ho,
tab tum chale aana darabaar me,
ye baaba khada hai, khada hi rahega tumhaare liye...








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