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तुम अगर मोहन मुरली बजाते रहो,
गीत गाता रहूँ मैं तुम्हारे लिए,

तुम अगर मोहन मुरली बजाते रहो,
गीत गाता रहूँ मैं तुम्हारे लिए,
करके श्रृंगार तुम मेरे आगे रहो,
गीत लिखता रहूँ मैं तुम्हारे लिए...


सँवारे रंग पे तेरे दीवाना हुआ,
श्याम सुंदर सलोने ये सारा जगत,
सर पे तिरछे नज़र की छटा है अज़ब,
इसलिए तो दीवाना है सारा जगत,
सामने आओ मोहन हमारे ज़रा,
मोर पंखी सजा दूं तुम्हारे लिए...

माथे चंदन लगा कान कुंडल सजे,
होठ लाली लगी श्याम सुंदर तेरे,
हाथ मुरली सजी वाल घुघराले यूं,
जैसे अम्बर पे बादल हो काले घिरे,
आओ आसन पे अपनी विराजो प्रभु,
पुष्प माला सजा दूं तुम्हारे लिए...

तेरी मुस्कान के हैं दीवाना बहुत,
तेरे चितवन से घायल हुए हैं कई,
सारे मदहोश है तेरे श्रृंगार पर,
आजा आजा कन्हैया बहुत देर हुई,
दर्श देदो ज़रा मुरली वाले हमें,
दर पे ‘राजेंद्र’ आया तुम्हारे लिए,
तुम अगर मोहन मुरली बजाते रहो...

तुम अगर मोहन मुरली बजाते रहो,
गीत गाता रहूँ मैं तुम्हारे लिए,
करके श्रृंगार तुम मेरे आगे रहो,
गीत लिखता रहूँ मैं तुम्हारे लिए...




tum agar mohan murali bajaate raho,
geet gaata rahoon maintumhaare lie,

tum agar mohan murali bajaate raho,
geet gaata rahoon maintumhaare lie,
karake shrrangaar tum mere aage raho,
geet likhata rahoon maintumhaare lie...


sanvaare rang pe tere deevaana hua,
shyaam sundar salone ye saara jagat,
sar pe tirchhe nazar ki chhata hai azab,
isalie to deevaana hai saara jagat,
saamane aao mohan hamaare zara,
mor pankhi saja doon tumhaare lie...

maathe chandan laga kaan kundal saje,
hoth laali lagi shyaam sundar tere,
haath murali saji vaal ghugharaale yoon,
jaise ambar pe baadal ho kaale ghire,
aao aasan pe apani viraajo prbhu,
pushp maala saja doon tumhaare lie...

teri muskaan ke hain deevaana bahut,
tere chitavan se ghaayal hue hain ki,
saare madahosh hai tere shrrangaar par,
aaja aaja kanhaiya bahut der hui,
darsh dedo zara murali vaale hame,
dar pe raajendr aaya tumhaare lie,
tum agar mohan murali bajaate raho...

tum agar mohan murali bajaate raho,
geet gaata rahoon maintumhaare lie,
karake shrrangaar tum mere aage raho,
geet likhata rahoon maintumhaare lie...








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