Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

थोड़ा देती है,
या ज्यादा देती है,

थोड़ा देती है,
या ज्यादा देती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
दादी देती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
मैया देती है...


हमारे पास जो कुछ है,
इसी की है मेहरबानी,
हमेशा भेजती रहती,
कभी दाना कभी पानी,
सुख कर देती है,
और दुःख हर लेती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
दादी देती है...

हमेशा भूखे उठते है,
कभी भूखे नहीं सोते,
भला तकलीफ कैसे हो,
हमारी मैया के होते,
सुख कर देती है,
और दुःख हर लेती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
दादी देती है...

दिया जो दादी ने हमको,
कभी कर्जा नहीं समझा,
दयालु मैया ने हमको,
हमेशा अपना ही समझा,
सुख कर देती है,
और दुःख हर लेती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
दादी देती है...

हमने ‘बनवारी’ माँ से,
बड़े अधिकार से मांगा,
दिया है खुश होकर माँ ने,
जब भी सरकार से मांगा,
सुख कर देती है,
और दुःख हर लेती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
दादी देती है...

थोड़ा देती है,
या ज्यादा देती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
दादी देती है,
हमको तो जो कुछ भी देती,
मैया देती है...




thoda deti hai,
ya jyaada deti hai,

thoda deti hai,
ya jyaada deti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
daadi deti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
maiya deti hai...


hamaare paas jo kuchh hai,
isi ki hai meharabaani,
hamesha bhejati rahati,
kbhi daana kbhi paani,
sukh kar deti hai,
aur duhkh har leti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
daadi deti hai...

hamesha bhookhe uthate hai,
kbhi bhookhe nahi sote,
bhala takaleeph kaise ho,
hamaari maiya ke hote,
sukh kar deti hai,
aur duhkh har leti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
daadi deti hai...

diya jo daadi ne hamako,
kbhi karja nahi samjha,
dayaalu maiya ne hamako,
hamesha apana hi samjha,
sukh kar deti hai,
aur duhkh har leti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
daadi deti hai...

hamane banavaaree ma se,
bade adhikaar se maanga,
diya hai khush hokar ma ne,
jab bhi sarakaar se maanga,
sukh kar deti hai,
aur duhkh har leti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
daadi deti hai...

thoda deti hai,
ya jyaada deti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
daadi deti hai,
hamako to jo kuchh bhi deti,
maiya deti hai...








Bhajan Lyrics View All

आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा

New Bhajan Lyrics View All

देखे री मैंने दो झूले मतवाले,
एक पे झूले डमरू वाले एक पे मुरली वाले...
दिल में कितने तूफ़ान,
रोज़ उठते मेरे, क्या कहूँ,
लिख भेजी पतिया आज रुक्मणि अर्ज करे,  
कान्हा ले जाओ आकर आज रुक्मणि याद करे,
वृन्दावनधाम पुनीत परम, इसकी महिमा का
श्रीश्यामाश्याम जहाँ बसते, उस
सीता के राम रखवाले थे,
जब हरण हुआ तब कोई नहीं,