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दरबार मिला मुझको जो श्याम तुम्हारा है,
ये कर्म ना थे मेरे अहसान तुम्हारा है,

दरबार मिला मुझको जो श्याम तुम्हारा है,
ये कर्म ना थे मेरे अहसान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है...


कल दिन थे गरीबी के अब रोज दिवाली है,
किस्मत ये नहीं मेरी वरदान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है...

ठुकराने वालों ने पलकों पे बिठाया है,
ये शान नहीं मेरी सम्मान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है...

एक वक्त के मारे ने किस्मत को हरा डाला,
औकात न थी मेरी ये काम तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है...

निर्बल को अपनाना निर्धन के घर जाना,
ये शौक नहीं तेरा ये विधान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है...

रोते को हँसता तू गिरते को उठाता तू,
सोनू तभी दीनदयाल पड़ा नाम तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है...

दरबार मिला मुझको जो श्याम तुम्हारा है,
ये कर्म ना थे मेरे अहसान तुम्हारा है,
दरबार मिला मुझकों जो श्याम तुम्हारा है...




darabaar mila mujhako jo shyaam tumhaara hai,
ye karm na the mere ahasaan tumhaara hai,

darabaar mila mujhako jo shyaam tumhaara hai,
ye karm na the mere ahasaan tumhaara hai,
darabaar mila mujhakon jo shyaam tumhaara hai...


kal din the gareebi ke ab roj divaali hai,
kismat ye nahi meri varadaan tumhaara hai,
darabaar mila mujhakon jo shyaam tumhaara hai...

thukaraane vaalon ne palakon pe bithaaya hai,
ye shaan nahi meri sammaan tumhaara hai,
darabaar mila mujhakon jo shyaam tumhaara hai...

ek vakt ke maare ne kismat ko hara daala,
aukaat n thi meri ye kaam tumhaara hai,
darabaar mila mujhakon jo shyaam tumhaara hai...

nirbal ko apanaana nirdhan ke ghar jaana,
ye shauk nahi tera ye vidhaan tumhaara hai,
darabaar mila mujhakon jo shyaam tumhaara hai...

rote ko hansata too girate ko uthaata too,
sonoo tbhi deenadayaal pada naam tumhaara hai,
darabaar mila mujhakon jo shyaam tumhaara hai...

darabaar mila mujhako jo shyaam tumhaara hai,
ye karm na the mere ahasaan tumhaara hai,
darabaar mila mujhakon jo shyaam tumhaara hai...








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