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पूर्व ढूंढा पश्चिम ढूंढा, मैंने ढूंढा सब संसार रे,
तुम कहां छुपे हो सांवरिया...

पूर्व ढूंढा पश्चिम ढूंढा, मैंने ढूंढा सब संसार रे,
तुम कहां छुपे हो सांवरिया...


चलत चलत मोहै भई दुपहरी अखियां राह निहारे,
कहां छुपे हो जाकरके तुम ओ साजन मतवारे,
मोहे पिया मिलन की लगन लगी,
तुम मत ना करो आवार रे,
तुम कहां छुपे हो सांवरिया...

पिता मेरे लाचार हुए हैं नहीं दिखता कुछ और,
विपता मुझ पर आन पड़ी है भए बहुत मजबूर,
आज्ञा दी तुम पति ढूंढो नहीं रसता कोई और,
तुम कहां छुपे हो सांवरिया...

सखियों के संग आई हूं मैं कुछ तो राह दिखाओ,
हे परमेश्वर मेरी दुबला अब तो दूर भगाओ,
जंगल जंगल में भटक रही हूं नहीं मिले भरतार,
तुम कहां छुपे हो सांवरिया...

पूर्व ढूंढा पश्चिम ढूंढा, मैंने ढूंढा सब संसार रे,
तुम कहां छुपे हो सांवरिया...




poorv dhoondha pashchim dhoondha, mainne dhoondha sab sansaar re,
tum kahaan chhupe ho saanvariyaa...

poorv dhoondha pashchim dhoondha, mainne dhoondha sab sansaar re,
tum kahaan chhupe ho saanvariyaa...


chalat chalat mohai bhi dupahari akhiyaan raah nihaare,
kahaan chhupe ho jaakarake tum o saajan matavaare,
mohe piya milan ki lagan lagi,
tum mat na karo aavaar re,
tum kahaan chhupe ho saanvariyaa...

pita mere laachaar hue hain nahi dikhata kuchh aur,
vipata mujh par aan padi hai bhe bahut majaboor,
aagya di tum pati dhoondho nahi rasata koi aur,
tum kahaan chhupe ho saanvariyaa...

skhiyon ke sang aai hoon mainkuchh to raah dikhaao,
he parameshvar meri dubala ab to door bhagaao,
jangal jangal me bhatak rahi hoon nahi mile bharataar,
tum kahaan chhupe ho saanvariyaa...

poorv dhoondha pashchim dhoondha, mainne dhoondha sab sansaar re,
tum kahaan chhupe ho saanvariyaa...




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