मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है,
हर धुन से तुमने तो लाखों को तारा है,
मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है...
सुनते है की तुम मोहन, निर्धन की भी सुनते हो,
तेरा मित्र सुदामा था, उसको भी संवारा है,
मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है...
हर ओर ये चर्चा है, दुर्जन की भी सुनते है,
तेरा कंस जो मामा था, उसको भी उबारा है,
मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है...
दिल से जो तुझे चाहे, तक़दीर बदलते हो,
तेरी भक्त जो मीरा थी, उसको भी स्वीकारा है,
मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है...
मैं भी तेरा सेवक हूँ, मेरा भी उद्धार करो,
मेरी जीवन नैया का, तू ही एक सहारा है,
मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है...
मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है,
हर धुन से तुमने तो लाखों को तारा है,
मोहन तेरी बंसी तो यमुना की धारा है...
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai,
har dhun se tumane to laakhon ko taara hai,
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai...
sunate hai ki tum mohan, nirdhan ki bhi sunate ho,
tera mitr sudaama tha, usako bhi sanvaara hai,
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai...
har or ye charcha hai, durjan ki bhi sunate hai,
tera kans jo maama tha, usako bhi ubaara hai,
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai...
dil se jo tujhe chaahe, takadeer badalate ho,
teri bhakt jo meera thi, usako bhi sveekaara hai,
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai...
mainbhi tera sevak hoon, mera bhi uddhaar karo,
meri jeevan naiya ka, too hi ek sahaara hai,
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai...
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai,
har dhun se tumane to laakhon ko taara hai,
mohan teri bansi to yamuna ki dhaara hai...