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वृन्दावन में रस की धार,
सखी री बरस रही,

वृन्दावन में रस की धार,
सखी री बरस रही,
मैं तो कर सोलह श्रृंगार,
सखी री तरस रही,
वृंदावन में रस की धार,
सखी री बरस रही...


शरद चंद्र की अमृत किरणे,
भूमण्डल पर लगी बिखरने,
चांदनी बन छाई बहार,
चहुँ ओर बरस रही,
वृंदावन में रस की धार,
सखी री बरस रही...

तान सुरीली श्याम बजाई,
मधुबन मिल गोपी सब आई,
जीवन होगा साकार,
सखी री हरष रही,
वृंदावन में रस की धार,
सखी री बरस रही...

अमर प्रेम भरे रसिक बिहारी,
पागल की हरिदास दुलारी,
‘गोपाली’ जीवन आधार,
करुण रस बरस रही,
वृंदावन में रस की धार,
सखी री बरस रही...

वृन्दावन में रस की धार,
सखी री बरस रही,
मैं तो कर सोलह श्रृंगार,
सखी री तरस रही,
वृंदावन में रस की धार,
सखी री बरस रही...




vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi,

vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi,
mainto kar solah shrrangaar,
skhi ri taras rahi,
vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi...


sharad chandr ki amarat kirane,
bhoomandal par lagi bikharane,
chaandani ban chhaai bahaar,
chahun or baras rahi,
vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi...

taan sureeli shyaam bajaai,
mdhuban mil gopi sab aai,
jeevan hoga saakaar,
skhi ri harsh rahi,
vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi...

amar prem bhare rasik bihaari,
paagal ki haridaas dulaari,
gopaalee jeevan aadhaar,
karun ras baras rahi,
vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi...

vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi,
mainto kar solah shrrangaar,
skhi ri taras rahi,
vrindaavan me ras ki dhaar,
skhi ri baras rahi...








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