सारे देवों में कृष्णा गजब ढा गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया...
मैं देखूं उसे वह ना देखे मुझे,
मैं मिलना भी चाहूं मिले ना मुझे,
वह भक्ति का रोग लगा कर गया,
मुझे मेरा कान्हा पसंद आ गया...
ज़ख्म इतने दीए मैं दिखा ना सकूं,
दर्द कितने दिए मैं बता ना सकूं,
वह तो चुपके से आकर दबा दे गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया...
मैंने दिल से बुलाया वह आया नहीं,
मैंने ध्यान लगाया वह आया तभी,
वह तो दर्शन दिखा कर चला जो गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया...
तेरे दर्शन की मैं तो तलब दार हूं,
तेरी पायल की मैं तो एक झंकार हूं,
तेरा सब राग मुझको समझ आ गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया...
सारे देवों में कृष्णा गजब ढा गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया...
saare devon me krishna gajab dha gaya,
mujhe murali vaala pasand a gayaa...
maindekhoon use vah na dekhe mujhe,
mainmilana bhi chaahoon mile na mujhe,
vah bhakti ka rog laga kar gaya,
mujhe mera kaanha pasand a gayaa...
zakhm itane dei maindikha na sakoon,
dard kitane die mainbata na sakoon,
vah to chupake se aakar daba de gaya,
mujhe murali vaala pasand a gayaa...
mainne dil se bulaaya vah aaya nahi,
mainne dhayaan lagaaya vah aaya tbhi,
vah to darshan dikha kar chala jo gaya,
mujhe murali vaala pasand a gayaa...
tere darshan ki mainto talab daar hoon,
teri paayal ki mainto ek jhankaar hoon,
tera sab raag mujhako samjh a gaya,
mujhe murali vaala pasand a gayaa...
saare devon me krishna gajab dha gaya,
mujhe murali vaala pasand a gayaa...