बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
New Bhajan Lyrics
View All
गोपाल मुरलिया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
भंगिया पिले भोले नाथ घोट के गौरा लाइ
हाँ रे भंगिया पिले रे सांचाई रे भंगिया
मैं बाबोसा का बेटा हूँ, बाबोसा
मंजू बाईसा की छवि में हम, श्री बाबोसा
दर खुला जदों सच्ची सरकार दा,
फेर मन विच सोचा कि विचारदा,
मैं बंजारन दीवानी मैं हो गई,
पी गई थोड़ी भंग भंग मैं,