सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
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आ आ... ॐ नमः शिवाय...
भोले तेरे चरणों की,
हरी बोल हरी बोल हरी हरी बोल,
साँझ सवेरे हरी हरी बोल,
ईक पल दी जुदाई हारा वालेया,
युगा दे समान हो गई,
पैसे की यह दुनिया है और पैसे की यह माया
यहाँ कोई नहीं अपना है और कोई ना बेगाना
शिव डमरूवाले को ना दिल से भुलाना तू,
शम्भु त्रिपुरारी की नित आरती गाना तू...