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हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
तेरा पल पल बिता जाए रे
मुख से जप ले नमः शवाए
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है

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बोलते चलो बोलते चलो राधा रानी के
मेरा दिल नहीं लगता ओ मैया, मंदिर में
दो फूल खिला दो बगिया में, खुशबू से
बजरंगी लाये खबरिया राम आये नगरिया,
आये नगरिया हो आये नगरिया...
सोतेसोते सोने सा जीवन व्यर्थ गुजारा
अब तो पगले नींद छोड़ दे बजा काल नकारा
सुन दर्ज़ी सियो दे चोखा कुरता
मैं जाऊं उड़ता उड़ता ओ फागुन के मेले