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मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया

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जय माधव मदन मुरारी,
जय केशव कलीमल हारी,
कान्हा ने करो है कमाल हो कमाल,
मेरे रंग लगा दिया सब तन पर॥
कान्हा घुमन को मत जाए, चराला मेरी गैया,
चराला मेरी गैया, चराला मेरी गैया,
गूंज रहे जय कारे और गली गली में शोर,
गणपति गौरी लाला देखो चली सरोवर ओर...
तोरी बगिया में आम की डाल,
कोयल बोले कुहू कुहू,