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वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
वास देदो किशोरी जी बरसाना,
छोडो छोडो जी छोडो जी तरसाना ।
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥
श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
सत्यम शिवम सुन्दरम
सत्य ही शिव है, शिव ही सुन्दर है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
कोई कहे गोविंदा, कोई गोपाला।
मैं तो कहुँ सांवरिया बाँसुरिया वाला॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ

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चिता की भस्म रमाके,
श्रृंगार करने वाला,
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,
हनुमान दया करो मेरे॥
ऐसा दरबार कहा ऐसा दातार कहा,
ढुंडी सारी दुनिया ऐसी सरकार कहा...
भोले भंडारी ये तुमसे कैसा नाता है,
मै दुःख में याद करू तु दौड़ा आता है...
तेरा दरबार मैया सुहाना लगे,
यहाँ आकर के शीश झुकाते सभी,