अपनों की कहूँ, क्या मैं तुझसे प्रभु,
कौन अपना है ये, जानता है भी तू,
डाल मुझ पे नजर, तू मेरा हमसफर,
है ये जग को बता दिया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया।
जिसपे पड़ जाती है, श्याम तेरी नजर,
डगमगाती नहीं, कभी उसकी डगर,
संकटों ने ना फिर, मुड़के उसकी तरफ,
रुख़ दोबारा कभी भी किया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया।
मेरी है एक अरज, तुमसे ऐ सांवरे,
देना कुछ भी, ना देना अहम सांवरे,
गाऊं तेरे मैं गुण, हर जगह घूम घूम,
श्याम ने क्या से क्या कर दिया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया।
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया,
जब लगा मैं गिरा, थामा तूने लिया,
फिर दोबारा ना गिरने दिया,
मेरे ओ सांवरे, तूने क्या क्या नहीं किया।
apanon ki kahoon, kya maintujhase prbhu,
kaun apana hai ye, jaanata hai bhi too,
daal mujh pe najar, too mera hamasphar,
hai ye jag ko bata diya,
mere o saanvare, toone kya kya nahi kiyaa.
jisape p jaati hai, shyaam teri najar,
dagamagaati nahi, kbhi usaki dagar,
sankaton ne na phir, muke usaki tarph,
ru dobaara kbhi bhi kiya,
mere o saanvare, toone kya kya nahi kiyaa.
meri hai ek araj, tumase ai saanvare,
dena kuchh bhi, na dena aham saanvare,
gaaoon tere maingun, har jagah ghoom ghoom,
shyaam ne kya se kya kar diya,
mere o saanvare, toone kya kya nahi kiyaa.
mere o saanvare, toone kya kya nahi kiya,
jab laga maingira, thaama toone liya,
phir dobaara na girane diya,
mere o saanvare, toone kya kya nahi kiyaa.