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कैसे तेरा दर्शन पाउ बंद पड़े सब द्वार,
दैत्य रूपी महामारी का बिछा हुआ है जाल,

कैसे तेरा दर्शन पाउ बंद पड़े सब द्वार,
दैत्य रूपी महामारी का बिछा हुआ है जाल,
श्याम जरा बाहर आओ दर्श नैनो को दिखाओ...


बहुत दिनों से तरसे मोहन भक्त तुम्हारे,
छवि ना देखी तेरी बरसे मोहन नैन हमारे,
हाल कहे हम किसको कान्हा जीना हुआ बेहाल,
श्याम जरा बाहर आओ दर्श नैनो को दिखाओ...

क्या भूल हुई है हमसे जो रूठे नाथ हमारे,
रास्ता तकते तेरा थक गए मोहन नैन हमारे,
बाट निहारे अब तो आजा झलक दिखा एक बार,
श्याम जरा बाहर आओ दर्श नैनो को दिखाओ...

हार गए जो हम तो बिगड़ेगा नाम तुम्हारा,
हसेगा तुमपे जमाना कहाँ है अब श्याम तुम्हारा,
अगर हो तुम हारे के सहारे आके बढ़ाओ मान,
श्याम जरा बाहर आओ दर्श नैनो को दिखाओ...

अब और नहीं तरसाओ अब ना हमको तड़पाओ,
बहुत दिनों के बिछड़े इस दिल की सुनते जाओ,
करो कृपा अब हमपर भगवन ना बाजी जाऊ हार,
श्याम जरा बाहर आओ दर्श नैनो को दिखाओ...

कैसे तेरा दर्शन पाउ बंद पड़े सब द्वार,
दैत्य रूपी महामारी का बिछा हुआ है जाल,
श्याम जरा बाहर आओ दर्श नैनो को दिखाओ...




kaise tera darshan paau band pade sab dvaar,
daity roopi mahaamaari ka bichha hua hai jaal,

kaise tera darshan paau band pade sab dvaar,
daity roopi mahaamaari ka bichha hua hai jaal,
shyaam jara baahar aao darsh naino ko dikhaao...


bahut dinon se tarase mohan bhakt tumhaare,
chhavi na dekhi teri barase mohan nain hamaare,
haal kahe ham kisako kaanha jeena hua behaal,
shyaam jara baahar aao darsh naino ko dikhaao...

kya bhool hui hai hamase jo roothe naath hamaare,
raasta takate tera thak ge mohan nain hamaare,
baat nihaare ab to aaja jhalak dikha ek baar,
shyaam jara baahar aao darsh naino ko dikhaao...

haar ge jo ham to bigadega naam tumhaara,
hasega tumape jamaana kahaan hai ab shyaam tumhaara,
agar ho tum haare ke sahaare aake badahaao maan,
shyaam jara baahar aao darsh naino ko dikhaao...

ab aur nahi tarasaao ab na hamako tadapaao,
bahut dinon ke bichhade is dil ki sunate jaao,
karo kripa ab hamapar bhagavan na baaji jaaoo haar,
shyaam jara baahar aao darsh naino ko dikhaao...

kaise tera darshan paau band pade sab dvaar,
daity roopi mahaamaari ka bichha hua hai jaal,
shyaam jara baahar aao darsh naino ko dikhaao...








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