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झूला झुलत बिहारी वृंदावन में,
कैसी छाई हरियाली इन कुंज में,

झूला झुलत बिहारी वृंदावन में,
कैसी छाई हरियाली इन कुंज में,
झुला झुलत बिहारी वृंदावन में...


इन नन्द को बिहारी उन भानु की दुलारी,
जोड़ी लागे अति प्यारी बसी नयनन में,
झुला झुलत बिहारी वृंदावन में...

यमुना के कूल बहे सुरंग दुकूल में,
और खिल रहे फूल इन कदमन में,
झुला झुलत बिहारी वृंदावन में...

गौर श्याम रंग घन दामिनी के संग में,
भई अखियां अपंग छवि भरी मन में,
झुला झुलत बिहारी वृंदावन में...

राधा मुख और नैना श्याम के चकोर,
सखियन प्रेम डोर लगी चरणन में,
झुला झुलत बिहारी वृंदावन में...

झूला झुलत बिहारी वृंदावन में,
कैसी छाई हरियाली इन कुंज में,
झुला झुलत बिहारी वृंदावन में...




jhoola jhulat bihaari vrindaavan me,
kaisi chhaai hariyaali in kunj me,

jhoola jhulat bihaari vrindaavan me,
kaisi chhaai hariyaali in kunj me,
jhula jhulat bihaari vrindaavan me...


in nand ko bihaari un bhaanu ki dulaari,
jodi laage ati pyaari basi nayanan me,
jhula jhulat bihaari vrindaavan me...

yamuna ke kool bahe surang dukool me,
aur khil rahe phool in kadaman me,
jhula jhulat bihaari vrindaavan me...

gaur shyaam rang ghan daamini ke sang me,
bhi akhiyaan apang chhavi bhari man me,
jhula jhulat bihaari vrindaavan me...

radha mukh aur naina shyaam ke chakor,
skhiyan prem dor lagi charanan me,
jhula jhulat bihaari vrindaavan me...

jhoola jhulat bihaari vrindaavan me,
kaisi chhaai hariyaali in kunj me,
jhula jhulat bihaari vrindaavan me...








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