ना मैं मीरा ना मैं राधा, फिर भी श्याम को माना है,
भजन बिना यह जीवन मेरा, एक माटी की काया है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा...
जब से तेरी लगन लगाई,
श्याम नाम की ज्योत जलाई,
अपना प्रीतम माना है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा...
जब से तेरी सूरत देखी,
उसमें प्रेम की मूरत देखी,
अपना तुझे बनाना है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा...
जबजब तेरे नाम को सुमिरो,
अपनी लगन को सब कुछ मानो,
जीवन तुझ पर वारा है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा...
जन्म जन्म मैं भूली तुमको,
युग युग भटकी ढूंढो तुमको,
तुमसे प्रेम बढ़ाना है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा...
दासी अब तेरी शरण में आई,
आस मिलन की दिल में लगाई,
तन मन भेट चढ़ाना है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा...
ना मैं मीरा ना मैं राधा, फिर भी श्याम को माना है,
भजन बिना यह जीवन मेरा, एक माटी की काया है,
ना मैं मीरा ना मैं राधा...
na mainmeera na mainradha, phir bhi shyaam ko maana hai,
bhajan bina yah jeevan mera, ek maati ki kaaya hai,
na mainmeera na mainradhaa...
jab se teri lagan lagaai,
shyaam naam ki jyot jalaai,
apana preetam maana hai,
na mainmeera na mainradhaa...
jab se teri soorat dekhi,
usame prem ki moorat dekhi,
apana tujhe banaana hai,
na mainmeera na mainradhaa...
jabajab tere naam ko sumiro,
apani lagan ko sab kuchh maano,
jeevan tujh par vaara hai,
na mainmeera na mainradhaa...
janm janm mainbhooli tumako,
yug yug bhataki dhoondho tumako,
tumase prem badahaana hai,
na mainmeera na mainradhaa...
daasi ab teri sharan me aai,
aas milan ki dil me lagaai,
tan man bhet chadahaana hai,
na mainmeera na mainradhaa...
na mainmeera na mainradha, phir bhi shyaam ko maana hai,
bhajan bina yah jeevan mera, ek maati ki kaaya hai,
na mainmeera na mainradhaa...