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रे मन फूला फूला फिरे जगत में ये कैसा नाता रे...

रे मन फूला फूला फिरे जगत में ये कैसा नाता रे...

माता कहे यह पुत्र हमारा, बहन कहे यह वीर मेरा,
भाई कहे यह भुजा हमारी, नारी कहे नर मेरा,
रे मन फूला फूला फिरे...

पेट पकड़कर माता रोवे बांह पकड़कर भाई,
लिपट लिपट कर तिरिया रोवे हंस अकेला जाए,
रे मन फूला फूला फिरे...

जब तक जीवे माता रोवे बहन रोवे दस मासा,
तेरह दिन तक तिरिया रोवे फेर करें घर बासा,
रे मन फूला फूला फिरे...

चार गजा चरगजी मंगाई चढ़ा काट की घोड़ी,
चारों कोने आग लगा दी फूक दई तेरी होली,
रे मन फूला फूला फिरे...

हाड़ जले जैसे लाकडी और केस जले जैसे घासा,
सोने जैसी काया जल गई कोई ना आया पासा,
रे मन फूला फूला फिरे...

घर की त्रिया देखन लागी ढूंढ फिरे चहुं पासा,
कह कबीर सुनो भाई साधु छोड़ जगत की आशा,
रे मन फूला फूला फिरे...

रे मन फूला फूला फिरे जगत में ये कैसा नाता रे...

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re man phoola phoola phire jagat me ye kaisa naata re...

re man phoola phoola phire jagat me ye kaisa naata re...

maata kahe yah putr hamaara, bahan kahe yah veer mera,
bhaai kahe yah bhuja hamaari, naari kahe nar mera,
re man phoola phoola phire...

pet pakadakar maata rove baanh pakadakar bhaai,
lipat lipat kar tiriya rove hans akela jaae,
re man phoola phoola phire...

jab tak jeeve maata rove bahan rove das maasa,
terah din tak tiriya rove pher karen ghar baasa,
re man phoola phoola phire...

chaar gaja charagaji mangaai chadaha kaat ki ghodi,
chaaron kone aag laga di phook di teri holi,
re man phoola phoola phire...

haad jale jaise laakadi aur kes jale jaise ghaasa,
sone jaisi kaaya jal gi koi na aaya paasa,
re man phoola phoola phire...

ghar ki triya dekhan laagi dhoondh phire chahun paasa,
kah kabeer suno bhaai saadhu chhod jagat ki aasha,
re man phoola phoola phire...

re man phoola phoola phire jagat me ye kaisa naata re...







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