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सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,
सुनहरी गोटे में, रूपहरी गोटे में ॥

मैया तेरी चुनरी की गजब है बात,
चंदा जैसा मुखड़ा मेहंदी से रचे हाथ,
॥ सज रही मेरी अम्बे मैया...॥

मैया के प्यारे,
श्रीधर बेचारे,
करते वो निर्धन,
नित कन्या पूजन,
माँ प्रसन्न हो उन पर,
आई कन्या बनकर,
उनके घर आई,
ये हुक्म सुनाई,
कल अपने घर पर रखो विशाल भंडारा,
कराओ सबको भोजन बुलाओ गाँव सारा,
॥ सज रही मेरी अम्बे मैया..॥

माँ का संदेसा, हाँ जी
घर घर में पहुंचा, हाँ जी
करने को भोजन, हाँ जी
आ गए सब ब्राम्हण, हाँ जी
भैरव भी आया, हाँ जी
सब चेलों को लाया, हाँ जी
श्रीधर घबराये, हाँ जी
कुछ समझ ना पाए, हाँ जी
फिर कन्या आई, हाँ जी
उन्हें धीर बंधाई, हाँ जी
वो दिव्य शक्ति, हाँ जी
श्रीधर से बोली, हाँ जी
तुम मत घबराओ, हाँ जी
अब बहार आओ, हाँ जी
सब अतिथि अपने, हाँ जी
कुटिया में लाओ, हाँ जी
श्रीधर जी बोले, हाँ जी
फिर बहार आकर, हाँ जी
सब भोजन करले, हाँ जी
कुटिया में चलकर, हाँ जी
फिर भैरव बोले, हाँ जी
मै और मेरे चेले, हाँ जी
कुटिया में तेरी, हाँ जी
बैठेंगे कैसे, हाँ जी
बोले फिर श्रीधर, हाँ जी
तुम चलो तो अंदर, हाँ जी
अस्थान की चिंता, हाँ जी
तुम छोड़ दो मुझपर, हाँ जी
तब लगा के आसन, हाँ जी
बैठे सब ब्राम्हण, हाँ जी
कुटिया के अंदर, हाँ जी
करने को भोजन, हाँ जी
भंडारे का आयोजन श्रीधर जी से करवाया,
फिर सबको पेट भरकर भोजन तूने करवाया,
मैया तेरी माया क्या समझेगा कोई,
जो भी तुझे पूजे नसीबो वाला होय,
॥ सज रही मेरी अम्बे मैया..॥

सुनले ऐ ब्राम्हण, हाँ जी
ये वैष्णव भोजन, हाँ जी
ब्राम्हण जो खाते, हाँ जी
वही तुझे खिलाते, हाँ जी
हट की जो तूने, हाँ जी
बड़ा पाप लगेगा, हाँ जी
यहाँ मॉस और मदिरा, हाँ जी
नहीं तुझे मिलेगा, हाँ जी
ये वैष्णो भंडारा तू मान ले मेरा कहना,
ब्राम्हण को मॉस मदिरा से क्या लेना देना,
॥ सज रही मेरी अम्बे मैया..॥

भैरव ना छोड़ा, हाँ जी
मैया का पीछा, हाँ जी
माँ गुफा के अंदर, हाँ जी
जब छुप गई जाकर, हाँ जी
जब गर्भ गुफा में, हाँ जी
भैरव जाता था, हाँ जी
पहरे पर बैठे, हाँ जी
लंगूर ने रोका, हाँ जी
अड़ गया था भैरव, हाँ जी
जब अपनी जिद पर, हाँ जी
लांगुर भैरव में, हाँ जी
हुआ युद्ध भयंकर, हाँ जी
फिर आदि शक्ति, हाँ जी
बनकर रणचंडी, हाँ जी
जब गर्भ गुफा से, हाँ जी
थी बाहर निकली, हाँ जी
वो रूप बनाया, हाँ जी
भैरव घबराया, हाँ जी
तलवार इक मारी, हाँ जी
भैरव संहारी, हाँ जी
भैरव के तन से, हाँ जी
आवाज ये आई, हाँ जी
हे आदि शक्ति, हाँ जी
हे चण्डी माई, हाँ जी
मुझ पर कृपा कर, हाँ जी
मेरा दोष भुलाकर, हाँ जी
मुझे कोई वर दे, हाँ जी
ये करूणा कर दे, हाँ जी
मैं हूँ अपराधी, हाँ जी
तेरी भक्ति साधी, हाँ जी
मेरा दोष मिटा दे, हाँ जी
निर्दोष बना दे, हाँ जी
भैरव शरणागत आया तो बोली वैष्णव माता,
मेरी पूजा के बाद में होगी तेरी भी पूजा,
मैया के दर्शन कर जो भैरव मंदिर में जाए,
मैया की कृपा से वो मन चाहा वर पाए,
॥ सज रही मेरी अम्बे मैया..॥

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,
सुनहरी गोटे में, रूपहरी गोटे में ॥



saj rahi meri ambe maiya, sunahari gote me .
sunahari gote me, sunahari gote me,

saj rahi meri ambe maiya, sunahari gote me .
sunahari gote me, sunahari gote me,
sunahari gote me, roopahari gote me ..

maiya teri chunari ki gajab hai baat,
chanda jaisa mukha mehandi se rche haath,
.. saj rahi meri ambe maiyaa.....

maiya ke pyaare,
shreedhar bechaare,
karate vo nirdhan,
nit kanya poojan,
ma prasann ho un par,
aai kanya banakar,
unake ghar aai,
ye hukm sunaai,
kal apane ghar par rkho vishaal bhandaara,
karaao sabako bhojan bulaao gaanv saara,
.. saj rahi meri ambe maiyaa....

ma ka sandesa, haan jee
ghar ghar me pahuncha, haan jee
karane ko bhojan, haan jee
a ge sab bramhan, haan jee
bhairav bhi aaya, haan jee
sab chelon ko laaya, haan jee
shreedhar ghabaraaye, haan jee
kuchh samjh na paae, haan jee
phir kanya aai, haan jee
unhen dheer bandhaai, haan jee
vo divy shakti, haan jee
shreedhar se boli, haan jee
tum mat ghabaraao, haan jee
ab bahaar aao, haan jee
sab atithi apane, haan jee
kutiya me laao, haan jee
shreedhar ji bole, haan jee
phir bahaar aakar, haan jee
sab bhojan karale, haan jee
kutiya me chalakar, haan jee
phir bhairav bole, haan jee
mai aur mere chele, haan jee
kutiya me teri, haan jee
baithenge kaise, haan jee
bole phir shreedhar, haan jee
tum chalo to andar, haan jee
asthaan ki chinta, haan jee
tum chho do mujhapar, haan jee
tab laga ke aasan, haan jee
baithe sab bramhan, haan jee
kutiya ke andar, haan jee
karane ko bhojan, haan jee
bhandaare ka aayojan shreedhar ji se karavaaya,
phir sabako pet bharakar bhojan toone karavaaya,
maiya teri maaya kya samjhega koi,
jo bhi tujhe pooje naseebo vaala hoy,
.. saj rahi meri ambe maiyaa....

sunale ai bramhan, haan jee
ye vaishnav bhojan, haan jee
bramhan jo khaate, haan jee
vahi tujhe khilaate, haan jee
hat ki jo toone, haan jee
ba paap lagega, haan jee
yahaan ms aur madira, haan jee
nahi tujhe milega, haan jee
ye vaishno bhandaara too maan le mera kahana,
bramhan ko ms madira se kya lena dena,
.. saj rahi meri ambe maiyaa....

bhairav na chhoa, haan jee
maiya ka peechha, haan jee
ma gupha ke andar, haan jee
jab chhup gi jaakar, haan jee
jab garbh gupha me, haan jee
bhairav jaata tha, haan jee
pahare par baithe, haan jee
langoor ne roka, haan jee
a gaya tha bhairav, haan jee
jab apani jid par, haan jee
laangur bhairav me, haan jee
hua yuddh bhayankar, haan jee
phir aadi shakti, haan jee
banakar ranchandi, haan jee
jab garbh gupha se, haan jee
thi baahar nikali, haan jee
vo roop banaaya, haan jee
bhairav ghabaraaya, haan jee
talavaar ik maari, haan jee
bhairav sanhaari, haan jee
bhairav ke tan se, haan jee
aavaaj ye aai, haan jee
he aadi shakti, haan jee
he chandi maai, haan jee
mujh par kripa kar, haan ji
mera dosh bhulaakar, haan ji
mujhe koi var de, haan jee
ye karoona kar de, haan jee
mainhoon aparaadhi, haan jee
teri bhakti saadhi, haan jee
mera dosh mita de, haan jee
nirdosh bana de, haan jee
bhairav sharanaagat aaya to boli vaishnav maata,
meri pooja ke baad me hogi teri bhi pooja,
maiya ke darshan kar jo bhairav mandir me jaae,
maiya ki kripa se vo man chaaha var paae,
.. saj rahi meri ambe maiyaa....

saj rahi meri ambe maiya, sunahari gote me.
sunahari gote me, sunahari gote me,
sunahari gote me, roopahari gote me ..







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