Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

आजा रे कान्हा आजा रे आ,
ब्रिज की गलिया राह देखती सांवरिया तेरे आने की,

आजा रे कान्हा आजा रे आ,
ब्रिज की गलिया राह देखती सांवरिया तेरे आने की,
बनके वनवारी ढूंढ रही तुझे इक गोरी बरसाने की.
आजा रे कान्हा आजा रे आ,

वो महलो की रहने वाली गलियों में तुझे ढूंढ रही,
हर आने  जाने वाले से तेरी खबरियां पूछ रही,
कहती कोई खबर सुना दो मेरे श्याम के आने की,.
बनके वनवारी ढूंढ रही तुझे इक गोरी बरसाने की.
आजा रे कान्हा आजा रे आ,

गउये में रोती मैया रोती ब्रिज में आज उदासी है,
तेरे दर्शन बिन सांवरिया सब की आँखे प्यासी है,
ग्वालो को भी आस है तुझसे प्रीत की रीत निभाने की
बनके वनवारी ढूंढ रही तुझे इक गोरी बरसाने की.
आजा रे कान्हा आजा रे आ,

कह दे आउगा कल परसो अब बरसो ही बीत गये,
बरस बरस हर एक दिन बीता हम हारे तुम जीत गये,
राधा से कोई सीखे रोमी प्रीत की रीत निभाने की.
बनके वनवारी ढूंढ रही तुझे इक गोरी बरसाने की.
आजा रे कान्हा आजा रे आ,



aaja re kanha aaja re brij ki galiya raah dekhti

aaja re kaanha aaja re a,
brij ki galiya raah dekhati saanvariya tere aane ki,
banake vanavaari dhoondh rahi tujhe ik gori barasaane ki.
aaja re kaanha aaja re aa


vo mahalo ki rahane vaali galiyon me tujhe dhoondh rahi,
har aane  jaane vaale se teri khabariyaan poochh rahi,
kahati koi khabar suna do mere shyaam ke aane ki,.
banake vanavaari dhoondh rahi tujhe ik gori barasaane ki.
aaja re kaanha aaja re aa

guye me roti maiya roti brij me aaj udaasi hai,
tere darshan bin saanvariya sab ki aankhe pyaasi hai,
gvaalo ko bhi aas hai tujhase preet ki reet nibhaane kee
banake vanavaari dhoondh rahi tujhe ik gori barasaane ki.
aaja re kaanha aaja re aa

kah de aauga kal paraso ab baraso hi beet gaye,
baras baras har ek din beeta ham haare tum jeet gaye,
radha se koi seekhe romi preet ki reet nibhaane ki.
banake vanavaari dhoondh rahi tujhe ik gori barasaane ki.
aaja re kaanha aaja re aa

aaja re kaanha aaja re a,
brij ki galiya raah dekhati saanvariya tere aane ki,
banake vanavaari dhoondh rahi tujhe ik gori barasaane ki.
aaja re kaanha aaja re aa




aaja re kanha aaja re brij ki galiya raah dekhti Lyrics





Bhajan Lyrics View All

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी

New Bhajan Lyrics View All

मेरे श्याम की चौखट पे भक्तो मने पीहर
कल ख्याब में मेने देखा है किस्मत ये
आता रहूँ गाता रहूँ मेरे बाबा,
तुझको रिझाता रहूँ
हो मेला फागन दा,
औंदा है हर साल,
कनखल नगरी फूलों की बरसात हो गई,
मेरी गौरा जी की शादी भोले से हो गई,
मैया का मंदिर सुहाना लगता है,
अंधियारे में भी उजाला लगता है...