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हार बैठा हु दुनिया से

हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु
तेरे दरबार आया हु तेरे दरबार आया हु....-

किया था प्रेम जिस जिस को उन्ही से धोखा खाया है -
हरि तू न भुला देना शरण में तेरी आया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु....

सुना है बिगड़ी लाखो की कन्हैया तुम बनाते हो  -
ना जाने खोट क्या मुझ में नजर तुम को ना आया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु.....

श्याम चरणों में तेरे शीश करे वंदन तेरा ये मनीष -
पुष्प रेहमत के बरसा दो तेरी चोकठ पे आया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु....

बिन तेरे ना कोई अपना श्याम जग से सताया हु
हार बैठा हु दुनिया से तेरे दरबार आया हु...



Haar betha hu duniya se

haar baitha hu duniya se tere darabaar aaya hu
tere darabaar aaya hu tere darabaar aaya hu...


kiya tha prem jis jis ko unhi se dhokha khaaya hai
hari too n bhula dena sharan me teri aaya hu
haar baitha hu duniya se tere darabaar aaya hu...

suna hai bigadi laakho ki kanhaiya tum banaate ho  
na jaane khot kya mujh me najar tum ko na aaya hu
haar baitha hu duniya se tere darabaar aaya hu...

shyaam charanon me tere sheesh kare vandan tera ye maneesh
pushp rehamat ke barasa do teri chokth pe aaya hu
haar baitha hu duniya se tere darabaar aaya hu...

bin tere na koi apana shyaam jag se sataaya hu
haar baitha hu duniya se tere darabaar aaya hu...

haar baitha hu duniya se tere darabaar aaya hu
tere darabaar aaya hu tere darabaar aaya hu...




Haar betha hu duniya se Lyrics





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अपनी वाणी में अमृत घोल
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