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जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया
दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया

जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया
दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया


कोई नहीं थी खूबी काबिल न था तुम्हारे
सोचा कभी नहीं था बदलेंगे दिन हमारे
थी तलब मुझे झलक की जलवा दिखा दिया
जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया
दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया


राहें भटक गए थे, सूनी अंधेरी गलियां
भावों के फूल सूखे मुरझा गई थी कलियाँ
खुदी को मिटा के मेरी खुद से मिला दिया
जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया

दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया


प्यासी थी रूह दीद की नैना तरस रहे
उजड़े चमन में आकर बादल बरस गए
जन्मों की प्यासी गागर, सागर पिला दिया
जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया

दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया

करता के भाव से परे फल की न कोई इच्छा
जिस हाल में तू रखे हर हाल लगता अच्छा
चरणों की चाह थी मुझे दिल में बसा लिया
जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया

दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया

जाने क्या देखा मुझमें अपना बना लिया
दर पे बुलाया मुझको जीना सिखा दिया



Jaane kya dekha mujhme apna bana liya Dar pe bulaya mujhko jeena sikha diya

Jaane kya dekha mujhme apna bana liya
Dar pe bulaya mujhko jeena sikha diya

Koi nahin thi khoobi kabil na tha tumhare
Socha kabhi nahin tha badlenge din hamare
Thi talab mujhe jhalak ki jalwa dikha diya
Jaane kya dekha mujhme apna bana liya
Dar pe bulaya mujhko jeena sikha diya

Raahen bhatak gaye thay sooni andheri galiyan
Bhaavon ke phool sookhe murjha gayi thi kaliyan
Khudi ko mita ke meri khud se mila diya
Jaane kya dekha mujhme apna bana liya
Dar pe bulaya mujhko jeena sikha diya


Pyasi thi rooh deed ki naina taras rahe
Ujde chaman mein aakar badal baras gaye
Janmo ki pyasi gagar, sagar pila diya
Jaane kya dekha mujhme apna bana liya
Dar pe bulaya mujhko jeena sikha diya

Karta ke bhaav se pare fal ki na koi ichha
Jis haal mein tu rakhe har haal lagta achcha
Charno ki chaah thi mujhe dil mein basa liya
Jaane kya dekha mujhme apna bana liya
Dar pe bulaya mujhko jeena sikha diya

Jaane kya dekha mujhme apna bana liya
Dar pe bulaya mujhko jeena sikha diya








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