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मुझे दो ऐसा वरदान।तेरा नाम ही जपते जपते,
इस तन से निकले प्राण॥मै करता रहूँ गुणगान,

मुझे दो ऐसा वरदान।तेरा नाम ही जपते जपते,
इस तन से निकले प्राण॥मै करता रहूँ गुणगान,
मुझे दो ऐसा वरदान।
तेरा नाम ही जपते जपते,
इस तन से निकले प्राण॥ तेरी दया से हे मनमोहन,
मैंने यह नर तन पाया। तेरी सेवा में बाधाए
डाले जग की मोह माया।फिर भी अरज करता हूँ,
हो सके तो देना ध्यान॥करता रहूँ गुणगान,
मुझे दो ऐसा वरदान।
तेरा नाम ही जपते जपते,
इस तन से निकले प्राण॥राधा मीरा नरसी जैसी
दुःख सहने की शक्ति दो।विचलित ना हूँ पथ से प्रभुजी,
मुझ को ऐसी भक्ति दो।तेरी ही सेवा में ही बीते,
इस जीवन की हर शाम॥करता रहूँ गुणगान,
मुझे दो ऐसा वरदान।
तेरा नाम ही जपते जपते,
इस तन से निकले प्राण॥क्या मालुम कब कौन घडी,
तेरा बुलावा आ जाए।मेरी मन की इच्छा मेरे
मन ही मन में रह जाए।मेरी इच्छा पूरी करना,
ओ मेरे घनश्याम॥करता रहूँ गुणगान,
मुझे दो ऐसा वरदान।
तेरा नाम ही जपते जपते,
इस तन से निकले प्राण॥करता रहूँ गुणगान,
मुझे दो ऐसा वरदान।
तेरा नाम ही जपते जपते,
इस तन से निकले प्राण॥



Karta Rahu Gungaan Krishna Bhajan By Sudhansu ji Maharaj

mujhe do aisa varadaan.tera naam hi japate japate,
is tan se nikale praan..mai karata rahoon gunagaan,
mujhe do aisa varadaan.
tera naam hi japate japate,
is tan se nikale praan.. teri daya se he manamohan,
mainne yah nar tan paayaa. teri seva me baadhaae
daale jag ki moh maayaa.phir bhi araj karata hoon,
ho sake to dena dhayaan..karata rahoon gunagaan,
mujhe do aisa varadaan.
tera naam hi japate japate,
is tan se nikale praan..radha meera narasi jaisee
duhkh sahane ki shakti do.vichalit na hoon pth se prbhuji,
mujh ko aisi bhakti do.teri hi seva me hi beete,
is jeevan ki har shaam..karata rahoon gunagaan,
mujhe do aisa varadaan.
tera naam hi japate japate,
is tan se nikale praan..kya maalum kab kaun ghadi,
tera bulaava a jaae.meri man ki ichchha mere
man hi man me rah jaae.meri ichchha poori karana,
o mere ghanashyaam..karata rahoon gunagaan,
mujhe do aisa varadaan.
tera naam hi japate japate,
is tan se nikale praan..karata rahoon gunagaan,
mujhe do aisa varadaan.
tera naam hi japate japate,
is tan se nikale praan..







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