मैं हु शरण में तेरी संसार के रचिया,
कश्ती मेरी लगा दो उस पार ओ कन्हिया,
मेरी अरदास सुन ली जिए,
प्रभु सुखवन कर लीजिये
दर्श एक बार तो दिज्ये,
मैं समजू गा श्याम रीजे,
पतवार थाम लो तुम मझदार में है नैया,
मैं हु शरण में तेरी संसार के रचिया
भगत है बेचैन तुम बिन,
तरस ते नैन है तुम बिन,
अँधेरी रेन है तुम बिन,
कही न चैन है तुम बिन,
है उदास तुम बिन गोपी ग्वाल गैया,
मैं हु शरण में तेरी संसार के रचिया
mainhu sharan me teri sansaar ke rchiya,
kashti meri laga do us paar o kanhiyaa
meri aradaas sun li jie,
prbhu sukhavan kar leejiye
darsh ek baar to dijye,
mainsamajoo ga shyaam reeje,
patavaar thaam lo tum mjhadaar me hai naiya,
mainhu sharan me teri sansaar ke rchiyaa
bhagat hai bechain tum bin,
taras te nain hai tum bin,
andheri ren hai tum bin,
kahi n chain hai tum bin,
hai udaas tum bin gopi gvaal gaiya,
mainhu sharan me teri sansaar ke rchiyaa
mainhu sharan me teri sansaar ke rchiya,
kashti meri laga do us paar o kanhiyaa