मेरी दुनियां तुम ही हो, दुनियां से क्या मांगु,
जब बिन बोले मिलता, तो बोल के क्या मांगु ।।
मेरी दुनियां तुम ही हो, दुनियां से क्या मांगु...
धन दौलत क्या मांगु, मुस्कान ये दी तुमने,
हम जैसे बच्चों को, पहचान हैं दी तुमने ।
किस्मत को बनाते हो, तो किस्मत से क्या मांगु,
मेरी दुनियां तुम ही हो, दुनियां से क्या मांगु...
कोई मुझसे अगर पुछे, जन्नत कैसी होगी,
दावे से कह दुंगा, नाकोड़ा जैसी होगी ।
जिते जी स्वर्ग मिला, तो मरकर क्या मांगु,
मेरी दुनियां तुम ही हो, दुनियां से क्या मांगु...
भक्ति की बदौलत ही, दुनिया का प्यार मिला,
मुझे ये परिवार मिला, ऐसा संसार मिला ।
तेरी भक्ति करता रहु, कर जोड़ यही मांगु,
meri duniyaan tum hi ho, duniyaan se kya maangu,
jab bin bole milata, to bol ke kya maangu ..
meri duniyaan tum hi ho, duniyaan se kya maangu...
dhan daulat kya maangu, muskaan ye di tumane,
ham jaise bachchon ko, pahchaan hain di tumane .
kismat ko banaate ho, to kismat se kya maangu,
meri duniyaan tum hi ho, duniyaan se kya maangu...
koi mujhase agar puchhe, jannat kaisi hogi,
daave se kah dunga, naakoda jaisi hogi .
jite ji svarg mila, to marakar kya maangu,
meri duniyaan tum hi ho, duniyaan se kya maangu...
bhakti ki badaulat hi, duniya ka pyaar mila,
mujhe ye parivaar mila, aisa sansaar mila .
teri bhakti karata rahu, kar jod yahi maangu,