राम गुण गाया नहीं,
गायक हुआ तो क्या हुआ,
पितु मातु मन भाया नहीं,
लायक हुआ तो क्या हुआ,
गंगा नहाये प्रेम से,
धोये धोय तन निर्मल किया,
मन मैला धोया नही,
गंगा नहाये से क्या हुआ,
राम गुण गाया नही,
गायक हुआ तो क्या हुआ,
गाड़ी चढ़ छेला बने वे,
बागों में मैं घूमता,
घर की सती रोती रहे,
बाबू बने तो क्या हुआ,
राम गुण गाया नही,
गायक हुआ तो क्या हुआ,
खाकर नमक मालिक का,
सेवा भी मुख मोड़ता,
वो नोकर नमक हराम है,
चाकर हुआ तो क्या हुआ,
राम गुण गाया नही,
गायक हुआ तो क्या हुआ,
विद्या पढ़ पढ़ ज्ञानी बन गया,
राम रंग रच्या नहीं,
दिल खोया वाद विवाद में,
फिर पछताए क्या हुआ,
राम गुण गाया नही,
गायक हुआ तो क्या हुआ,
मात पिता की जीते जी,
सेवा तुमसे न बनी,
मरे पीछे श्राद्ध या तर्पण,
करे तो क्या हुआ,
राम गुण गाया नही,
गायक हुआ तो क्या हुआ,
राम गुण गाया नहीं,
गायक हुआ तो क्या हुआ,
पितु मातु मन भाया नहीं,
लायक हुआ तो क्या हुआ,
– भजन प्रेषक –
मालचन्द शर्मा
ram gun gaaya nahi,
pitu maatu man bhaaya nahi,
laayak hua to kya huaa
ganga nahaaye prem se,
dhoye dhoy tan nirmal kiya,
man maila dhoya nahi,
ganga nahaaye se kya hua,
ram gun gaaya nahee
gaadi chadah chhela bane ve,
baagon me mainghoomata,
ghar ki sati roti rahe,
baaboo bane to kya hua,
ram gun gaaya nahee
khaakar namak maalik ka,
seva bhi mukh modata,
vo nokar namak haram hai,
chaakar hua to kya hua,
ram gun gaaya nahee
vidya padah padah gyaani ban gaya,
ram rang rachya nahi,
dil khoya vaad vivaad me,
phir pchhataae kya hua,
ram gun gaaya nahee
maat pita ki jeete ji,
seva tumase n bani,
mare peechhe shraaddh ya tarpan,
kare to kya hua,
ram gun gaaya nahee
ram gun gaaya nahi,
pitu maatu man bhaaya nahi,
laayak hua to kya huaa
ram gun gaaya nahi,
pitu maatu man bhaaya nahi,
laayak hua to kya huaa