तस्व्वुर में ये हालत है
तो सच का हाल क्या होगा
मिलाएगा वो जब नज़रें
तो मेरा हाल क्या होगा
मैं अक्सर चाह कर भी
उनसे मिलने यूँ नहीं जाता
कि वापस जब मैं लौटूंगा
तो मेरा हाल क्या होगा
मेरी ये लड़खड़ाती चाल भी
उनकी इबादत है
चलूँगा जब तरीक़े से
तो मेरा हाल क्या होगा।
तस्व्वुर में ये हालत है
तो सच का हाल क्या होगा
अभी नज़रें झुकी उनकी
मगर डर ये भी लगता है
पिलाएगा जब नज़रों से
तो सबका हाल क्या होगा
Tasavvur mein ye halat hai
To sach ka haal kya hoga
Milayega wo jab nazrein
To mera haal kya hoga
Main aksar chaah kar bhi
Unse milne yun nahin jaata
Ki vapas jab main lautunga
To mera haal kya hoga
Meri ye ladkhadati chaal bhi
Unki Ibadat hai
Chalunga jab tareeke se
To mera haal kya hoga
Tasavvur mein ye halat hai
To sach ka haal kya hoga
Abhi nazrein jhuki unki
Magar darr ye bhi lagta hai
Pilayega jab nazron se
To sabka haal kya hoga