तू मिला तो मिली ऐसी जन्नत मुझे
अब किसी और जन्नत की परवाह नहीं
मिट गए फासले कम हुई दूरियां
खत्म होने को हैं सारी मजबूरियां
वक्त ने बख्श दी ऐसी राहत मुझे
अब किसी और राहत की परवाह नहीं
वक्त ने बख्श दी......
तू मिला तो ऐसी जन्नत मुझे
अब किसी और जन्नत की परवाह नहीं
जाने क्या राह में लोग कहते रहें
रूह तड़पती रही, हंस के सहते रहे
【जिसका जो मन आया सो कहना शुरू कर दिया
यार से ऐसी यारी करी, जमाने ने कुछ न कुछ तो कह ही दिया
किसी ने अच्छा कहा, किसी ने बुरा कहा
किसी ने कुछ न कहा, किसी ने ऐसा कहा जो सच न कहा】
तेरी रहमत ने दी जो मोहब्बत मुझे
अब किसी भी मोहब्बत की परवाह नहीं
तेरी रहमत ने ......
तू मिला तो मिली ऐसी जन्नत मुझे .....
एक मुद्दत इसी कशमकश में रही
जिसकी थी आरज़ू बात भी बन गई
ख़्वाब सारे हकीकत ही लगते मुझे
अब किसी भी हकीकत की परवाह नहीं
तू मिला तो मिली ऐसी जन्नत मुझे....
गोपाला, गोपाला , मुरलीमनोहर नन्दलाला ....
मेरो राधा वल्लभ गोपाला .....
Tu mila to mili aisi jannat mujhe,
Abb kisi aur jannat ki parwaah nahin
Mit gaye faasle kam hui duriyaan...
Khatam hone ko hain sari majbooriyan
Waqt ne baksh di aisi raahat mujhe
Abb kisi aur raahat ki parwaah nahi
Tu mila to mili aise jannat mujhe....
Jaane kya - kya humein log kehte rahe
Rooh tadapti rahi hans ke sehte rahe
Jo tere pyar ne di mohabbat mujhe
Abbb kisi bhi mohabbat ki parwah nahin
Tu mila to mili aise jannat mujhe....
Ek muddat issi kashmkash mein rahi
Jis ki thi aarzo baat woh ban gayi
Khawab lagte hein saare haqeeqat mujhe
Abb kisi bhi haqeeqat ki parwah nahi
Tu mila to mili aise jannat mujhe....