Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

विच्च पहाड़ां गुफा दे अन्दर, मन्दिर एक निराला ए
बारो महीने खुलेया रेह्न्दा, ना बुहा ना ताला ए

विच्च पहाड़ां गुफा दे अन्दर, मन्दिर एक निराला ए
बारो महीने खुलेया रेह्न्दा, ना बुहा ना ताला ए

जय माता दी केहन्दे केहन्दे चढ़दे लोग चढाईआं ने
इक पासे ने ऊँचे पर्वत दूजे पासे खाईयां ने
फिर वी जो दर्शन नु आउँदा, समझो किस्मत वाला ए
बारो महीने खुलेया रेह्न्दा...

औंदी जांदी संगता दा जित्थे रेला लगया रेह्न्दा ए
दिन होव या रात होव बस मेला सजिया रेह्न्दा ए
हर कोई लावे माँ दे जयकारे, की गोरा की काला ए
बारो महीने खुलेया रेह्न्दा...

निकीयां निकीयां कंजका दे विच्च माँ दा रूप नज़र आवे
पूजे कंजका पावे असीसा, उस्दा भाग सवार जावे
हुंदे दूर गमां दे हनेरे मिलदा सुख दा उजाला ए
बारो महीने खुलेया रेह्न्दा...

की की सिफत करां इस दर दी जित्थों सब कुछ मिलदा ए
वास है माँ दा जिसदी रजा बिन पत्ता वी न हिल्दा ए
दास एह ही मात वैष्णो एही मात जवाला ए



vich pahadan gufa de andar mandir ek nirala e baro mahine khuleya rehnda na buha na tala e

vichch pahaadaan gupha de andar, mandir ek niraala e
baaro maheene khuleya rehanda, na buha na taala e


jay maata di kehande kehande chadahade log chdhaaeeaan ne
ik paase ne oonche parvat dooje paase khaaeeyaan ne
phir vi jo darshan nu aaunda, samjho kismat vaala e
baaro maheene khuleya rehandaa...

aundi jaandi sangata da jitthe rela lagaya rehanda e
din hov ya raat hov bas mela sajiya rehanda e
har koi laave ma de jayakaare, ki gora ki kaala e
baaro maheene khuleya rehandaa...

nikeeyaan nikeeyaan kanjaka de vichch ma da roop nazar aave
pooje kanjaka paave aseesa, usda bhaag savaar jaave
hunde door gamaan de hanere milada sukh da ujaala e
baaro maheene khuleya rehandaa...

ki ki siphat karaan is dar di jitthon sab kuchh milada e
vaas hai ma da jisadi raja bin patta vi n hilda e
daas eh hi maat vaishno ehi maat javaala e
baaro maheene khuleya rehandaa...

vichch pahaadaan gupha de andar, mandir ek niraala e
baaro maheene khuleya rehanda, na buha na taala e




vich pahadan gufa de andar mandir ek nirala e baro mahine khuleya rehnda na buha na tala e Lyrics





Bhajan Lyrics View All

हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
मुझे चढ़ गया राधा रंग रंग, मुझे चढ़ गया
श्री राधा नाम का रंग रंग, श्री राधा नाम
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है

New Bhajan Lyrics View All

गणपति गोरा दे लाल पूर्ण किजो मोरे काज...
विच सभा दे बैठे यां, मोरी पत रखियो
राम की सेवा हनुमान बड़े तन मन से करे,
बड़े तन मन से करे राम जी की शरण रहे,
फिर ना मिले रे,
ऐसा समय सुहाना,
की मंगणां ऐ गैरां कोलों,
दे के फिर पछतावे,
जीवन मरण को खेल म्हारा मनवा जीवन मरण
हो थारी उमर चली रे जसी रेल म्हारा मनवा