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ज़रा इतना बता दे कहना, तेरा रंग काला क्यों।
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥

ज़रा इतना बता दे कहना, तेरा रंग काला क्यों।
तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥

मैंने काली रात को जन्म लिया।
और काली गाय का दूध पीया।
मेरी कमली भी काली है,
इस लिए काला हूँ॥

सखी रोज़ ही घर में बुलाती है।
और माखन बहुत खिलाती है।
सखिओं का दिल काला,
इस लिए काला हूँ॥

मैंने काली नाग पर नाच किया।
और काली नाग को नाथ लिया।
नागों का रंग काला,
इस लिए काला हूँ॥

सावन में बिजली कड़कती है।
बादल भी बहुत बरसतें है।
बादल का रंग काला,
इसलिए काला हूँ॥

सखी नयनों में कजरा लगाती है।
और नयनों में मुझे बिठाती है।
कजरे के रंग काला,
इस लिए काला हूँ॥

जय गोविन्द गोविन्द गोपाला।



zara itna batade kahna tera rang kaala kyun

zara itana bata de kahana, tera rang kaala kyon
too kaala hokar bhi jag se niraala kyon..


mainne kaali raat ko janm liyaa
aur kaali gaay ka doodh peeyaa
meri kamali bhi kaali hai,
is lie kaala hoon..

skhi roz hi ghar me bulaati hai
aur maakhan bahut khilaati hai
skhion ka dil kaala,
is lie kaala hoon..

mainne kaali naag par naach kiyaa
aur kaali naag ko naath liyaa
naagon ka rang kaala,
is lie kaala hoon..

saavan me bijali kadakati hai
baadal bhi bahut barasaten hai
baadal ka rang kaala,
isalie kaala hoon..

skhi nayanon me kajara lagaati hai
aur nayanon me mujhe bithaati hai
kajare ke rang kaala,
is lie kaala hoon..

jay govind govind gopaalaa
jay muraali manohar nandalaalaa..

zara itana bata de kahana, tera rang kaala kyon
too kaala hokar bhi jag se niraala kyon..




zara itna batade kahna tera rang kaala kyun Lyrics





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