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कोई पीवे राम रस प्याला कोई पीवे हरि रस प्याला,
जिस अंगना में यह रस बरसे वहां आते हैं मदन गोपाल...

कोई पीवे राम रस प्याला कोई पीवे हरि रस प्याला,
जिस अंगना में यह रस बरसे वहां आते हैं मदन गोपाल...


इस प्याले को मीरा पी गई,
वह बिष अमृत कर डाला कोई पीवे हरि रस प्याला...

ध्रुव पी गए प्रहलाद भी पी गए,
जंगल में मंगल कर डाला कोई पीवे हरि रस प्याला...

यह प्याले को शबरी पी गई,
उसे हरि दर्शन दे डाला कोई पीवे हरी रस प्याला...

गज ग्राह लड़े जल भीतर,
दोनों का फंद छुड़ा डाला कोई पीवे हरि रस प्याला...

यह प्याले को नरसी पी गए,
पटले पर दर्श दे डाला कोई पीवे हरि रस प्याला...

ऋषि मुनि सब संत भी पी गए,
तन मन निर्मल कर डाला कोई पीवे हरि रस प्याला...

कोई पीवे राम रस प्याला कोई पीवे हरि रस प्याला,
जिस अंगना में यह रस बरसे वहां आते हैं मदन गोपाल...




koi peeve ram ras pyaala koi peeve hari ras pyaala,
jis angana me yah ras barase vahaan aate hain madan gopaal...

koi peeve ram ras pyaala koi peeve hari ras pyaala,
jis angana me yah ras barase vahaan aate hain madan gopaal...


is pyaale ko meera pi gi,
vah bish amarat kar daala koi peeve hari ras pyaalaa...

dharuv pi ge prahalaad bhi pi ge,
jangal me mangal kar daala koi peeve hari ras pyaalaa...

yah pyaale ko shabari pi gi,
use hari darshan de daala koi peeve hari ras pyaalaa...

gaj graah lade jal bheetar,
donon ka phand chhuda daala koi peeve hari ras pyaalaa...

yah pyaale ko narasi pi ge,
patale par darsh de daala koi peeve hari ras pyaalaa...

rishi muni sab sant bhi pi ge,
tan man nirmal kar daala koi peeve hari ras pyaalaa...

koi peeve ram ras pyaala koi peeve hari ras pyaala,
jis angana me yah ras barase vahaan aate hain madan gopaal...








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