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जिस घर में हरि गुणगान, वो घर है स्वर्ग समान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान॥

जिस घर में हरि गुणगान, वो घर है स्वर्ग समान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान॥
                       
ये मानव का चोला हर बार नही मिलता,
उगता है सूरज जो, वो सांझ पड़े ढलता,
जीवन का भरोसा क्या, दोबारा मिले ना मिले,
बड़े भाग्य से मौका मिला, चलो गो सेवा करले,
गो सेवा में मन को लगा, हो जीवन का कल्याण,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान,
जिस घर में हरि गुणगान, वो घर है स्वर्ग समान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान


गो माता के रग रग में, है देवो का स्थान,
गो हत्या है ब्रह्म हत्या, ये कहते है वेद पुराण,
फिर जान बूझकर के, क्यो गलती करे इंसान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान,
जिस घर में हरि गुणगान, वो घर है स्वर्ग समान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान

गर मुक्ति चाहते हो, करो निशदिन गो सेवा,
दिलबर ये निश्चित है, मिले मुक्ति का मेवा,
राजर्षि जयपाल सिंह कहे, गो सेवा है जग मे महान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान,
जिस घर में हरि गुणगान, वो घर है स्वर्ग समान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान...
       

जिस घर में हरि गुणगान, वो घर है स्वर्ग समान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान॥
                       
ये मानव का चोला हर बार नही मिलता,
उगता है सूरज जो, वो सांझ पड़े ढलता,
जीवन का भरोसा क्या, दोबारा मिले ना मिले,
बड़े भाग्य से मौका मिला, चलो गो सेवा करले,
गो सेवा में मन को लगा, हो जीवन का कल्याण,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान,
जिस घर में हरि गुणगान, वो घर है स्वर्ग समान,
आँगन तुलसी, गो सेवा, यही मानव की पहचान




jis ghar me hari gunagaan, vo ghar hai svarg samaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan..

jis ghar me hari gunagaan, vo ghar hai svarg samaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan..
                       
ye maanav ka chola har baar nahi milata,
ugata hai sooraj jo, vo saanjh pade dhalata,
jeevan ka bharosa kya, dobaara mile na mile,
bade bhaagy se mauka mila, chalo go seva karale,
go seva me man ko laga, ho jeevan ka kalyaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan,
jis ghar me hari gunagaan, vo ghar hai svarg samaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan


go maata ke rag rag me, hai devo ka sthaan,
go hatya hai braham hatya, ye kahate hai ved puraan,
phir jaan boojhakar ke, kyo galati kare insaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan,
jis ghar me hari gunagaan, vo ghar hai svarg samaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan

gar mukti chaahate ho, karo nishadin go seva,
dilabar ye nishchit hai, mile mukti ka meva,
raajarshi jayapaal sinh kahe, go seva hai jag me mahaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan,
jis ghar me hari gunagaan, vo ghar hai svarg samaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan...
       

jis ghar me hari gunagaan, vo ghar hai svarg samaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan..
                       
ye maanav ka chola har baar nahi milata,
ugata hai sooraj jo, vo saanjh pade dhalata,
jeevan ka bharosa kya, dobaara mile na mile,
bade bhaagy se mauka mila, chalo go seva karale,
go seva me man ko laga, ho jeevan ka kalyaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan,
jis ghar me hari gunagaan, vo ghar hai svarg samaan,
aangan tulasi, go seva, yahi maanav ki pahchaan








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