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ना जाने किसने बहकाये पवनसुत अब तक नहीं आए,
रात पलपल बीती जाए पवनसुत अब तक नहीं आए...

ना जाने किसने बहकाये पवनसुत अब तक नहीं आए,
रात पलपल बीती जाए पवनसुत अब तक नहीं आए...


माता की मतिमंद हुई है हमें दिया बनवास,
मैंने अपने भेदभाव बिन नहीं छोड़ा बनवास,
राम अपना मन समझाये पवनसुत अब तक नहीं आए,
ना जाने किसने बहकाये...

सुनो भ्रात हृदय से लगाओ यु बोले रघुवीर,
लक्ष्मण भैया उठ कर बोलो कहां लगा तेरे तीर,
नीर नैनन में भर आए पवनसुत अब तक नहीं आए,
ना जाने किसने बहकाए...

अवधपुरी को जाऊं वहां क्या मुख लेकर जाऊं,
पूछे माता कौशल्या उनको क्या कुछ बतलाऊं,
राम मन ही मन पछताए पवनसुत अब तक नहीं आए,
ना जाने किसने बहकाए...

लोग कहे नारी के खातिर भैया दिया मरवाई,
रोए रोए करके बिलाप फिर इधरउधर जाएं,
राम तुलसी धोरे आए तुलसी धोरे आए,
पवनसुत अब तक नहीं आए,
ना जाने किसने बहकाए...

ना जाने किसने बहकाये पवनसुत अब तक नहीं आए,
रात पलपल बीती जाए पवनसुत अब तक नहीं आए...




na jaane kisane bahakaaye pavanasut ab tak nahi aae,
raat palapal beeti jaae pavanasut ab tak nahi aae...

na jaane kisane bahakaaye pavanasut ab tak nahi aae,
raat palapal beeti jaae pavanasut ab tak nahi aae...


maata ki matimand hui hai hame diya banavaas,
mainne apane bhedbhaav bin nahi chhoda banavaas,
ram apana man samjhaaye pavanasut ab tak nahi aae,
na jaane kisane bahakaaye...

suno bhraat haraday se lagaao yu bole rghuveer,
lakshman bhaiya uth kar bolo kahaan laga tere teer,
neer nainan me bhar aae pavanasut ab tak nahi aae,
na jaane kisane bahakaae...

avdhapuri ko jaaoon vahaan kya mukh lekar jaaoon,
poochhe maata kaushalya unako kya kuchh batalaaoon,
ram man hi man pchhataae pavanasut ab tak nahi aae,
na jaane kisane bahakaae...

log kahe naari ke khaatir bhaiya diya maravaai,
roe roe karake bilaap phir idharudhar jaaen,
ram tulasi dhore aae tulasi dhore aae,
pavanasut ab tak nahi aae,
na jaane kisane bahakaae...

na jaane kisane bahakaaye pavanasut ab tak nahi aae,
raat palapal beeti jaae pavanasut ab tak nahi aae...








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