Download Bhajan as .txt File Download Bhajan as IMAGE File

योगी जी आ गए है योगी जी आएंगे,
अब ताजमहल को हम राम महल बनाएंगे,

योगी जी आ गए है योगी जी आएंगे,
अब ताजमहल को हम राम महल बनाएंगे,
जो राम को लाये है हम उनको लाएंगे,
दुनिया में फिर से हम भगवा लहरायेंगे...


हिन्दू ना सोये थे हिन्दू ना सोएंगे,
अब राम लला को हम घर घर मे बसायेंगे,
जो राम को लाये है हम उनको लाएंगे,
दुनिया मे फिर से हम भगवा लहरायेंगे...

अयोध्या भी सजा दी है काशी भी सजा दी है,
मेरे राम कृपा कर दो,
मेरे श्याम कृपा कर दो.
मथुरा भी सजायेंगे...

जो राम को लाये है हम उनको लाएंगे,
दुनिया में फिर से हम भगवा लहरायेंगे...

योगी जी आये है योगी जी आएंगे,
अब ताजमहल को हम,
राम महल बनाएंगे,
जय श्री राम...

योगी जी आ गए है योगी जी आएंगे,
अब ताजमहल को हम राम महल बनाएंगे,
जो राम को लाये है हम उनको लाएंगे,
दुनिया में फिर से हम भगवा लहरायेंगे...




yogi ji a ge hai yogi ji aaenge,
ab taajamahal ko ham ram mahal banaaenge,

yogi ji a ge hai yogi ji aaenge,
ab taajamahal ko ham ram mahal banaaenge,
jo ram ko laaye hai ham unako laaenge,
duniya me phir se ham bhagava laharaayenge...


hindoo na soye the hindoo na soenge,
ab ram lala ko ham ghar ghar me basaayenge,
jo ram ko laaye hai ham unako laaenge,
duniya me phir se ham bhagava laharaayenge...

ayodhaya bhi saja di hai kaashi bhi saja di hai,
mere ram kripa kar do,
mere shyaam kripa kar do.
mthura bhi sajaayenge...

jo ram ko laaye hai ham unako laaenge,
duniya me phir se ham bhagava laharaayenge...

yogi ji aaye hai yogi ji aaenge,
ab taajamahal ko ham,
ram mahal banaaenge,
jay shri ram...

yogi ji a ge hai yogi ji aaenge,
ab taajamahal ko ham ram mahal banaaenge,
jo ram ko laaye hai ham unako laaenge,
duniya me phir se ham bhagava laharaayenge...




A Beautiful Bhagwad Gita Reader
READ NOW FREE
The Four Main Vaishnav Sampradayas & ISKCON8 Yardsticks To Evaluate If My Bhakti Is Increasing?14 Tips To Overcome Tough Times Through Devotional Love For GodKey Importance Of Bhav And Ras In Krishna Bhakti



Bhajan Lyrics View All

जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
करदो करदो बेडा पार, राधे अलबेली सरकार।
राधे अलबेली सरकार, राधे अलबेली सरकार॥
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
आँखों को इंतज़ार है सरकार आपका
ना जाने होगा कब हमें दीदार आपका
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
तेरे बगैर सांवरिया जिया नही जाये
तुम आके बांह पकड लो तो कोई बात बने‌॥

New Bhajan Lyrics View All

अब क्या होगा मेरा राम बीच बुढ़ापे में,
बीच बुढ़ापे में, बीच बुढ़ापे में,
हनुमान तेरे जैसा कोई लाल नहीं देखा,
कोई लाल नहीं देखा बलवान नहीं देखा,
भोला और गौरा की जोड़ी लगती खूब क़माल,
दूल्हा बने हैं हैं भोले बाबा बजे शहनाई
सिया ठाडी जनक दरबार,
सूरज को लौटा धार रही॥
त्रिशूल है हाथों में,
और खड़ग को धारा है,