Lyrics - Guru Ji Bhajans

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जे तू बेलिया




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मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
तेरा गम रहे सलामत मेरे दिल को क्या कमी
यही मेरी ज़िंदगी है, यही मेरी बंदगी है
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबों का
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
सब दुख दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कौन मिटाए उसे जिसको राखे पिया
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
राधिका गोरी से ब्रिज की छोरी से ,
मैया करादे मेरो ब्याह,
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
तू कितनी अच्ची है, तू कितनी भोली है,
ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ, ओ माँ ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
जा जा वे ऊधो तुरेया जा
दुखियाँ नू सता के की लैणा

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यो नटवर नंद का लाल मेरे मन बस ग्यो रे,
घायल की गत घायल जाने,
जयकारा जयकारा जयकारा जयकारा,
हो दाई सुंड वाला गणपति रे आला,
मईया जी का लगया दरबार, दर्श कर आओ भगतो,
दर्श कर आओ भगतो, दर्श कर आओ भगतो,
हे निम्बार्क दीनबंधो! सुन पुकार मेरी
पतितन में पतित नाथ,शरण आयो तेरी
भोले जी मोहे दरस दिखा दो एक बार मैं
मैं बड़ी दूर से आई, मैं पैदल चल कर आई,