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सावन बीता जाए




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बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
तेरे दर की भीख से है,
मेरा आज तक गुज़ारा
तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा

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नाच रहे कावड़िया तेरे नाच रहे भोले,
अरे भर के लौटा भंगिया का पि के नाच रहे
हर जन्मों में भोले दरबार मिल जाए,
और दिल के खज़ाने से जरा सा प्यार मिल
वारी बरसाने वाली बारी तज गए बनवारी, वन
कि मोकू रोग विरह कौ दे गए, मोसे परसों
मन्ने चरणो का दास बना ले री,
हे री चुनरी के ओढ़ण वाली,
मत प्रेम करो इस काया से एक दिन तो दगा दे
एक दिन तो दगा दे जाएगी, एक दिन तो दगा दे