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गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
याद में तेरी मुरली वाले, जीवन यूँ ही
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
हम प्रेम नगर के बंजारिन है
जप ताप और साधन क्या जाने
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
हरी नाम नहीं तो जीना क्या
अमृत है हरी नाम जगत में,
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
मेरा अवगुण भरा रे शरीर,
हरी जी कैसे तारोगे, प्रभु जी कैसे
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
बांके बिहारी की देख छटा,
मेरो मन है गयो लटा पटा।
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो
ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥

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मत घबरा मन बावरे,
है श्याम तेरा रखवाला,
जय राधे जय राधे राधे जय राधे श्री राधे
जय कृष्णा श्री कृष्णा कृष्णा जय
पंचवटी के बीच सिया रावण ने चुराई रे...
होके नाचूँ अब दिवाना,
मैं प्रभु श्री राम का,
पौणाहारी तेरी गुफा दे उत्ते,
दूधाधारी तेरी गुफा दे उत्ते,