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दिन जाए दिन आये




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अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला,
कितना सुंदर लागे बिहारी कितना लागे
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
प्रीतम बोलो कब आओगे॥
बालम बोलो कब आओगे॥
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
यशोमती मैया से बोले नंदलाला,
राधा क्यूँ गोरी, मैं क्यूँ काला
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
आप आए नहीं और सुबह हो मई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री कैसो चटक
श्याम मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री
एक कोर कृपा की करदो स्वामिनी श्री
दासी की झोली भर दो लाडली श्री राधे॥
ज़िंदगी मे हज़ारो का मेला जुड़ा
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
राधे तु कितनी प्यारी है ॥
तेरे संग में बांके बिहारी कृष्ण
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा

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राहों में फूल बिछाऊँगी, जब राम मेरे घर
जब राम मेरे घर आएंगे, जब राम मेरे घर
गले में जिसके नाग,
सर पे गंगे का निवास,
मीरा विष का,
प्याला पी गई रे,
ये दुनिया अनोखी है, मुखड़ा पहने चेहरा,
मिली बड़े नसीबो से मेरे बाबा की सेवा...
चल चैला चल दुर कहीं चल, दुनिया की भीड़
चल बाबा चल दुर कहीं चल, दुनिया की भीड़