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भाव के भूखे हैं भगवान,
भाव नहीं तो कुछ भी नहीं है,

भाव के भूखे हैं भगवान,
भाव नहीं तो कुछ भी नहीं है,
लाख करो गुणगान...


एक थी शबरी भक्तन,
न्योछावर करके तनमन,
मतंग मुनि के संग में,
करती थी प्रभु का कीर्तन,
बागो से चुन चुन लाती,
प्रभु को फुल चढ़ाती,
गंगा के पावन जल से,
रोज स्नान कराती,
चरण धोके श्री राम का करती,
चरनामृत का पान,
भाव के भूखे हैं भगवान...

मतंग शबरी को बताये,
बहु भांति समझाए,
सबर कर कुछ दिन शबरी,
मिलन के दिन अब आये,
रामजी तुमसे मिलेंगे,
मेरी कुटिया में आ कर,
शबरी को धैर्य बंधाकर,
समाधी लिए गुरुवर,
राम नाम में लीन हो गयी,
गुरु से पाकर ज्ञान,
भाव के भूखे हैं भगवान...

भाव के भूखे हैं भगवान,
भाव नहीं तो कुछ भी नहीं है,
लाख करो गुणगान...




bhaav ke bhookhe hain bhagavaan,
bhaav nahi to kuchh bhi nahi hai,

bhaav ke bhookhe hain bhagavaan,
bhaav nahi to kuchh bhi nahi hai,
laakh karo gunagaan...


ek thi shabari bhaktan,
nyochhaavar karake tanaman,
matang muni ke sang me,
karati thi prbhu ka keertan,
baago se chun chun laati,
prbhu ko phul chadahaati,
ganga ke paavan jal se,
roj snaan karaati,
charan dhoke shri ram ka karati,
charanaamarat ka paan,
bhaav ke bhookhe hain bhagavaan...

matang shabari ko bataaye,
bahu bhaanti samjhaae,
sabar kar kuchh din shabari,
milan ke din ab aaye,
ramji tumase milenge,
meri kutiya me a kar,
shabari ko dhairy bandhaakar,
samaadhi lie guruvar,
ram naam me leen ho gayi,
guru se paakar gyaan,
bhaav ke bhookhe hain bhagavaan...

bhaav ke bhookhe hain bhagavaan,
bhaav nahi to kuchh bhi nahi hai,
laakh karo gunagaan...




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