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मुँह फेर जिधर देखूं, माँ तू ही नज़र आये...

मुँह फेर जिधर देखूं, माँ तू ही नज़र आये...

गैरों ने तो ठुकराया, अपने भी बदल गए हैं,
हम साथ चले जिनके, वो दूर निकल गए हैं,
तेरे रहें पे हूँ, तू बक्शे या ठुकराए, माँ तू ही नज़र आये...

माना के में पापी हूँ, तुझे खबर गुनाहों की,
बस इतनी सज़ा देना मुझे मेरी खताओं की,
तेरे दर पे हो सर मेरा, और सांस निकल जाए,
मुँह फेर जिधर देखूं...

हम ख़ाक नशीनो की, क्या खूब तमन्ना है,
तेरे नाम से जीना है, तेरे नाम से मरना है,
मरना तो है वो तेरी, चौखट पे जो मर जाए,
मुँह फेर जिधर देखूं...

सूरज और चनदा का, आँखों में उजाला है,
मस्तक में अग्नि की प्रचंड ज्वाला है,
तेरी नज़रें करम हो तो, तेरे भक्त भी तर जाएं,
मुँह फेर जिधर देखूं...

मुँह फेर जिधर देखूं, माँ तू ही नज़र आये...



munh pher jidhar dekhoon, ma too hi nazar aaye...

munh pher jidhar dekhoon, ma too hi nazar aaye...

gairon ne to thukaraaya, apane bhi badal ge hain,
ham saath chale jinake, vo door nikal ge hain,
tere rahen pe hoon, too bakshe ya thukaraae, ma too hi nazar aaye...

maana ke me paapi hoon, tujhe khabar gunaahon ki,
bas itani saza dena mujhe meri khataaon ki,
tere dar pe ho sar mera, aur saans nikal jaae,
munh pher jidhar dekhoon...

ham kahaak nsheeno ki, kya khoob tamanna hai,
tere naam se jeena hai, tere naam se marana hai,
marana to hai vo teri, chaukhat pe jo mar jaae,
munh pher jidhar dekhoon...

sooraj aur chanada ka, aankhon me ujaala hai,
mastak me agni ki prchand jvaala hai,
teri nazaren karam ho to, tere bhakt bhi tar jaaen,
munh pher jidhar dekhoon...

munh pher jidhar dekhoon, ma too hi nazar aaye...



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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
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