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मैंने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान,
चंचल मन को नहीं संभाला कैसे आएंगे भगवान,

मैंने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान,
चंचल मन को नहीं संभाला कैसे आएंगे भगवान,
मैंने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान...


हर कोने में मशक शाह की लगी हुई है ढेरी,
नहीं ज्ञान की किरण कहीं भी हर कोठरी अंधेरी,
आंगन चौबारा अंधियारा कैसे आएंगे भगवान,
मैंने आंगन नहीं बुहारा...

हृदय  तुम्हारा पिघल ना पाया जब देखा दुखीहारा,
किसी पंथ भोले ने तुमसे पाया नहीं सहारा,
सुखी है करुणा की धारा कैसे आएंगे भगवान,
मैंने आंगन नहीं बुहारा...

अंतर के पट खोल देख लो ईश्वर पास मिलेगा,
हर प्राणी में ही परमेश्वर का आवास मिलेगा,
सच्चे मन से नहीं पुकारा कैसे आएंगे भगवान,
मैंने आंगन नहीं बुहारा...

निर्मल मन हो तो रघुनायक शबरी के घर आते,
सूर श्याम की बांह पकड़कर साग विदुर घर खाते,
इस पर हमने नहीं बिचारा इस पर तुमने नहीं बिचारा,
मैंने आंगन नहीं बुहारा...

मैंने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान,
चंचल मन को नहीं संभाला कैसे आएंगे भगवान,
मैंने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान...




mainne aangan nahi buhaara kaise aaenge bhagavaan,
chanchal man ko nahi sanbhaala kaise aaenge bhagavaan,

mainne aangan nahi buhaara kaise aaenge bhagavaan,
chanchal man ko nahi sanbhaala kaise aaenge bhagavaan,
mainne aangan nahi buhaara kaise aaenge bhagavaan...


har kone me mshak shaah ki lagi hui hai dheri,
nahi gyaan ki kiran kaheen bhi har kothari andheri,
aangan chaubaara andhiyaara kaise aaenge bhagavaan,
mainne aangan nahi buhaaraa...

haraday  tumhaara pighal na paaya jab dekha dukheehaara,
kisi panth bhole ne tumase paaya nahi sahaara,
sukhi hai karuna ki dhaara kaise aaenge bhagavaan,
mainne aangan nahi buhaaraa...

antar ke pat khol dekh lo eeshvar paas milega,
har praani me hi parameshvar ka aavaas milega,
sachche man se nahi pukaara kaise aaenge bhagavaan,
mainne aangan nahi buhaaraa...

nirmal man ho to rghunaayak shabari ke ghar aate,
soor shyaam ki baanh pakadakar saag vidur ghar khaate,
is par hamane nahi bichaara is par tumane nahi bichaara,
mainne aangan nahi buhaaraa...

mainne aangan nahi buhaara kaise aaenge bhagavaan,
chanchal man ko nahi sanbhaala kaise aaenge bhagavaan,
mainne aangan nahi buhaara kaise aaenge bhagavaan...








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