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राम नाम नहीं भाया रे, मन माया में फस गया...

राम नाम नहीं भाया रे, मन माया में फस गया...

दो रोटी मैंने गाय की बनाई,
वह भी बनाई पतली पतली रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

दो रोटी मैंने कुत्ते की बनाई,
वह भी बनाई छोटीछोटी रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

दो रोटी मैंने अपनी बनाई,
वह तो बनाई मोटी मोटी रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

हरि सत्संग का आया रे बुलावा,
दाल खटोला सोई रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

यम के दूत जब लेने को आए,
छुप कोने में रोई रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

धरमराज जब लेखाजोखा मांगे,
लेखे में कुछ नहीं पाया रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

एक बार मुझे वापस भेजो,
दोनों हाथों से लुटाऊं रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

वापिस जाकर क्या रे करोगी,
बेटो ने घर बार बांट लिया,
बहुओं ने लगा दिया ताला रे, मन माया में फस गया,
राम नाम नहीं भाया रे...

राम नाम नहीं भाया रे, मन माया में फस गया...



ram naam nahi bhaaya re, man maaya me phas gayaa...

ram naam nahi bhaaya re, man maaya me phas gayaa...

do roti mainne gaay ki banaai,
vah bhi banaai patali patali re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

do roti mainne kutte ki banaai,
vah bhi banaai chhoteechhoti re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

do roti mainne apani banaai,
vah to banaai moti moti re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

hari satsang ka aaya re bulaava,
daal khatola soi re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

yam ke doot jab lene ko aae,
chhup kone me roi re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

dharamaraaj jab lekhaajokha maange,
lekhe me kuchh nahi paaya re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

ek baar mujhe vaapas bhejo,
donon haathon se lutaaoon re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

vaapis jaakar kya re karogi,
beto ne ghar baar baant liya,
bahuon ne laga diya taala re, man maaya me phas gaya,
ram naam nahi bhaaya re...

ram naam nahi bhaaya re, man maaya me phas gayaa...







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