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सच्चिदानंद श्री सतगुरु भक्तों साईं नाथ,
राजा धीराज है सदा भक्त जनों के साथ,

सच्चिदानंद श्री सतगुरु भक्तों साईं नाथ,
राजा धीराज है सदा भक्त जनों के साथ,
शिर्डी में विराजते भक्तों के सरताज,
चरण शरण में आए जो पूर्ण होते काज,
कलयुग में भवतारने तुमने धरा अवतार,
भक्तों की नैया डोलती साईं लगाते पार,
साईं अवतरण की कथा भक्तों सुनिए आए,
मात्र सर्मण से दूर हो पाप ताप संताप,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥


सबसे पहले साईं के चरनन शीश नवाए,
सच्ची वाणी से भक्तों साईं का गुण गाए,
कैसे शिर्डी में आए हैं सारा हाल सुनाएं,
सारा चरित्रमय आपको गाकर के बतलाए,
कौन है माता कौन पिता कोई जान ना पाए,
जन्म स्थान श्री साईं का कोई ना बतलाए,
कोई कहे यह राम है कोई कहे यह श्याम,
कहे गणपति कोई तो कोई कहे हनुमान,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

कोई शिव के नाम से पूजत है हर बार,
कोई कहे श्री साईं हैं दत्तगुरु अवतार,
अलग रूप अरुनाम से भक्त है पूजे जाए,
शिर्डी जाकर आपका पावन दर्शन पाए,
कैसे शिर्डी आए थे भक्तों में बतलाए,
साईं के प्रातट की पावन कथा सुनाएं,
शिर्डी भक्तों आई थी एक दिन एक बारात,
एक सुंदर बालक आया उस बारात के साथ,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

उस बालक ने कर लिया शिर्डी अपना धाम,
बालक आने से हुआ शिरडी पावन धाम,
नीम तरे डेरा डाला भिक्षा मांग के खाए,
सबका मालिक एक है भक्तन को बतलाए,
धीरेधीरे साईं की चाहती बढ़ती जाए,
जो आए इन चरणों में मन की मुरादे पाए,
निर्धन को धन धान मिले बाझन को संतान,
कोड़ी की काया बने भक्तों स्वर्ण समान,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

भक्त सभी करने लगे साईं का गुणगान,
दर पे सब आने लगे हिंदू या मुसलमान,
कैसे साईं भक्त बना भक्तों का श्री राम,
पावन कथा सुनाऊंगा सुनिए लगाकर ध्यान,
धन और धान्य कमाई के काशीराम था आए,
चोर लुटेरे फिर उसके सन्मुख भक्तों आए,
एक चोर ने कर दिया पीछे सर पर प्रहार,
हे साईं मुख से निकला मूर्छा आई अपार,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

बाबा ने फिर जान लिया भक्त के मन का भेद,
उसकी मदद को भेज दिया साईं ने भगत था एक,
धन माल और जान सभी भक्त का सब बच जाए,
काशीराम ने साई के जय जय कारे गाए,
जैसे ही जब भक्त कोई लेता साईं का नाम,
किसी रूप में भी आ जाते भक्त का करने काम,
आफत ग्रस्त भक्त कोई साई ना रहने दे,
कृपा रूप दिखाएं के आफत सब हर ले,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

शिर्डी के पुजारी सभी करते थे भेदभाव,
पर शिर्डी के साईं थे करते सबसे प्यार,
हिंदू मुस्लिम सिख सभी साईं के दर आए,
मंदिर मस्जिद वेद सभी साईं के दर मिट जाए,
लीला मेरे साईं की कोई जान ना पाए,
कड़वे नीम को देवा ने मीठा दिया बनाएं,
द्वारकामाई मस्जिद में धूनी रही रमाएं,
भक्त जनों के दुख सभी साईं दूर भगाएं,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

देह त्याग करते समय ग्यारह वचन है भराए,
भक्तों के संग वचनों में साईं मेरे बंध जाएं,
जो शिरडी में आयेगा आफत दूर भगाएं,
पहला वचन साईं देवा भक्तों को दे जाएं,
चढ़े समाधि की सीढ़ी दुख सभी मिट जाए,
दूजे वचन में सतगुरु भक्तों से बंध जाएं,
चाहे शरीर को त्याग दूं करूंगा बेड़ा पार,
तीजा बचन यह भक्तों को दिए साई सरकार,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

मुझ में मेरे भक्तजनों रखना दृढ़ विश्वास,
चौथा वचन समाधि मेरी पूर्ण करेंगी आज,
मुझको मेरे भक्तजनों जीवित तुम मानो,
पांचवा वचन यह है मेरा सत्य को पहचानो,
मेरी शरण जो आएगा खाली ना वो जाए,
छठा वचन यह है मेरा कोई हो तो बतलाए,
जिसने भी जिस रूप में देखा मेरी ओर,
सातवां वचन यह है मेरा थामो उसकी डोर,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

सदा मैं अपने भक्तों का भरता रहूंगा भार,
आठवां वचन यह है मेरा करता रहूंगा प्यार,
आओ मेरी समाधि पे सहायता लो भरपूर,
नोवा बचन यह है मेरा नहीं मैं तुमसे दूर,
मन क्रम वचन से भक्त जो मुझ में लीन हो जाए,
दसवा बचन यह है मेरा फिर ना चुकने पाए,
धन्य धन्य मेरे भक्त हो भक्ति करें अनंत,
चंदन वचन यह ग्यारहवां शरण तजे ना अंग,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥

सच्चिदानंद श्री सतगुरु भक्तों साईं नाथ,
राजा धीराज है सदा भक्त जनों के साथ,
शिर्डी में विराजते भक्तों के सरताज,
चरण शरण में आए जो पूर्ण होते काज,
कलयुग में भवतारने तुमने धरा अवतार,
भक्तों की नैया डोलती साईं लगाते पार,
साईं अवतरण की कथा भक्तों सुनिए आए,
मात्र सर्मण से दूर हो पाप ताप संताप,
श्री साईनाथ महाराज शिरडी के सरताज॥




sachchidaanand shri sataguru bhakton saaeen naath,
raaja dheeraaj hai sada bhakt janon ke saath,

sachchidaanand shri sataguru bhakton saaeen naath,
raaja dheeraaj hai sada bhakt janon ke saath,
shirdi me viraajate bhakton ke sarataaj,
charan sharan me aae jo poorn hote kaaj,
kalayug me bhavataarane tumane dhara avataar,
bhakton ki naiya dolati saaeen lagaate paar,
saaeen avataran ki ktha bhakton sunie aae,
maatr sarman se door ho paap taap santaap,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..


sabase pahale saaeen ke charanan sheesh navaae,
sachchi vaani se bhakton saaeen ka gun gaae,
kaise shirdi me aae hain saara haal sunaaen,
saara charitrmay aapako gaakar ke batalaae,
kaun hai maata kaun pita koi jaan na paae,
janm sthaan shri saaeen ka koi na batalaae,
koi kahe yah ram hai koi kahe yah shyaam,
kahe ganapati koi to koi kahe hanuman,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

koi shiv ke naam se poojat hai har baar,
koi kahe shri saaeen hain dattaguru avataar,
alag roop arunaam se bhakt hai pooje jaae,
shirdi jaakar aapaka paavan darshan paae,
kaise shirdi aae the bhakton me batalaae,
saaeen ke praatat ki paavan ktha sunaaen,
shirdi bhakton aai thi ek din ek baaraat,
ek sundar baalak aaya us baaraat ke saath,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

us baalak ne kar liya shirdi apana dhaam,
baalak aane se hua shiradi paavan dhaam,
neem tare dera daala bhiksha maang ke khaae,
sabaka maalik ek hai bhaktan ko batalaae,
dheeredheere saaeen ki chaahati badahati jaae,
jo aae in charanon me man ki muraade paae,
nirdhan ko dhan dhaan mile baajhan ko santaan,
kodi ki kaaya bane bhakton svarn samaan,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

bhakt sbhi karane lage saaeen ka gunagaan,
dar pe sab aane lage hindoo ya musalamaan,
kaise saaeen bhakt bana bhakton ka shri ram,
paavan ktha sunaaoonga sunie lagaakar dhayaan,
dhan aur dhaany kamaai ke kaasheeram tha aae,
chor lutere phir usake sanmukh bhakton aae,
ek chor ne kar diya peechhe sar par prahaar,
he saaeen mukh se nikala moorchha aai apaar,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

baaba ne phir jaan liya bhakt ke man ka bhed,
usaki madad ko bhej diya saaeen ne bhagat tha ek,
dhan maal aur jaan sbhi bhakt ka sab bch jaae,
kaasheeram ne saai ke jay jay kaare gaae,
jaise hi jab bhakt koi leta saaeen ka naam,
kisi roop me bhi a jaate bhakt ka karane kaam,
aaphat grast bhakt koi saai na rahane de,
kripa roop dikhaaen ke aaphat sab har le,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

shirdi ke pujaari sbhi karate the bhedbhaav,
par shirdi ke saaeen the karate sabase pyaar,
hindoo muslim sikh sbhi saaeen ke dar aae,
mandir masjid ved sbhi saaeen ke dar mit jaae,
leela mere saaeen ki koi jaan na paae,
kadave neem ko deva ne meetha diya banaaen,
dvaarakaamaai masjid me dhooni rahi ramaaen,
bhakt janon ke dukh sbhi saaeen door bhagaaen,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

deh tyaag karate samay gyaarah vchan hai bharaae,
bhakton ke sang vchanon me saaeen mere bandh jaaen,
jo shiradi me aayega aaphat door bhagaaen,
pahala vchan saaeen deva bhakton ko de jaaen,
chadahe samaadhi ki seedahi dukh sbhi mit jaae,
dooje vchan me sataguru bhakton se bandh jaaen,
chaahe shareer ko tyaag doon karoonga beda paar,
teeja bchan yah bhakton ko die saai sarakaar,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

mujh me mere bhaktajanon rkhana daradah vishvaas,
chautha vchan samaadhi meri poorn karengi aaj,
mujhako mere bhaktajanon jeevit tum maano,
paanchava vchan yah hai mera saty ko pahchaano,
meri sharan jo aaega khaali na vo jaae,
chhtha vchan yah hai mera koi ho to batalaae,
jisane bhi jis roop me dekha meri or,
saatavaan vchan yah hai mera thaamo usaki dor,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

sada mainapane bhakton ka bharata rahoonga bhaar,
aathavaan vchan yah hai mera karata rahoonga pyaar,
aao meri samaadhi pe sahaayata lo bharapoor,
nova bchan yah hai mera nahi maintumase door,
man kram vchan se bhakt jo mujh me leen ho jaae,
dasava bchan yah hai mera phir na chukane paae,
dhany dhany mere bhakt ho bhakti karen anant,
chandan vchan yah gyaarahavaan sharan taje na ang,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..

sachchidaanand shri sataguru bhakton saaeen naath,
raaja dheeraaj hai sada bhakt janon ke saath,
shirdi me viraajate bhakton ke sarataaj,
charan sharan me aae jo poorn hote kaaj,
kalayug me bhavataarane tumane dhara avataar,
bhakton ki naiya dolati saaeen lagaate paar,
saaeen avataran ki ktha bhakton sunie aae,
maatr sarman se door ho paap taap santaap,
shri saaeenaath mahaaraaj shiradi ke sarataaj..








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