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हम वासी वा देश के ,और धरण गगन दोई नाई  ।
शब्द मिलावा हो रहा, और देह मिलावा नाई ।।

हम वासी वा देश के ,और धरण गगन दोई नाई  ।
शब्द मिलावा हो रहा, और देह मिलावा नाई ।।
बिन पवन का पंत है, और बिन बस्ती का देश ।
बिना पिंड का पुरुष है, और कहै कबीर संदेश ।।
सिरगुण की सेवा करो, और  निर्गुण का करो ध्यान।
अरे निर्गुण सिरगुण के परे, और तहाँ हमारा ध्यान।।
भजन लिरिक्स 
हम परदेशी पंछी रे साधु भाई, इणी देश का नाहीं,
इणी देश रा लोग अचेता, पलपल परलय में जाई।टेक।

१ मुख बिन बोलना पग बिन चलना बिना पंखों से उड़ जाई ।
इना सूरत की लोय हमारी, अनहद माई ( ठहराई ) ओलखाई ॥
हम परदेशी पंछी रे साधु भाई, इणी देश का नाहीं,
इणी देश रा लोग अचेता, पलपल परलय में जाई।टेक।

२ छाया में बैठूं तो अग्नि सी लागे, धूप बहुत शितलाई ।
छाया धूप से मोरे सतगुरू न्यारा, मै सतगुरू के माई ॥
हम परदेशी पंछी रे साधु भाई, इणी देश का नाहीं,
इणी देश रा लोग अचेता, पलपल परलय में जाई।टेक।

3. आठों पहर अड़ा रहे आसन, कबहूँ न उतरेगा साँई ।
ज्ञानी रे ध्यानी पचपच मर गया, उणी देश केरा माई ॥
हम परदेशी पंछी रे साधु भाई, इणी देश का नाहीं,
इणी देश रा लोग अचेता, पलपल परलय में जाई।टेक।

4. निर्गुण रूपी है मेरे दाता, सिरगुण नाम धराई ।
मन पवन दोनों नहीं पहुँचे, उणी देश केरा माई ॥
हम परदेशी पंछी रे साधु भाई, इणी देश का नाहीं,
इणी देश रा लोग अचेता, पलपल परलय में जाई।टेक।

 5. नख - शिख नैन शरीर हमारा, सतगुरू अमर कराई ।
कहै कबीर मिलो निर्गुण से, अजर अमर हो जाई
हम परदेशी पंछी रे साधु भाई, इणी देश का नाहीं,
इणी देश रा लोग अचेता, पलपल परलय में जाई।टेक।



ham vaasi va desh ke ,aur dharan gagan doi naaee  .
shabd milaava ho raha, aur deh milaava naai

ham vaasi va desh ke ,aur dharan gagan doi naaee  .
shabd milaava ho raha, aur deh milaava naai ..
bin pavan ka pant hai, aur bin basti ka desh .
bina pind ka purush hai, aur kahai kabeer sandesh ..
siragun ki seva karo, aur  nirgun ka karo dhayaan.
are nirgun siragun ke pare, aur tahaan hamaara dhayaan..
bhajan liriks 
ham paradeshi panchhi re saadhu bhaai, ini desh ka naaheen,
ini desh ra log acheta, palapal paralay me jaai.tek.

1 mukh bin bolana pag bin chalana bina pankhon se ud jaai .
ina soorat ki loy hamaari, anahad maai ( thaharaai ) olkhaai ..
ham paradeshi panchhi re saadhu bhaai, ini desh ka naaheen,
ini desh ra log acheta, palapal paralay me jaai.tek.

2 chhaaya me baithoon to agni si laage, dhoop bahut shitalaai .
chhaaya dhoop se more sataguroo nyaara, mai sataguroo ke maai ..
ham paradeshi panchhi re saadhu bhaai, ini desh ka naaheen,
ini desh ra log acheta, palapal paralay me jaai.tek.

3. aathon pahar ada rahe aasan, kabahoon n utarega saani .
gyaani re dhayaani pchapch mar gaya, uni desh kera maai ..
ham paradeshi panchhi re saadhu bhaai, ini desh ka naaheen,
ini desh ra log acheta, palapal paralay me jaai.tek.

4. nirgun roopi hai mere daata, siragun naam dharaai .
man pavan donon nahi pahunche, uni desh kera maai ..
ham paradeshi panchhi re saadhu bhaai, ini desh ka naaheen,
ini desh ra log acheta, palapal paralay me jaai.tek.

 5. nkh - shikh nain shareer hamaara, sataguroo amar karaai .
kahai kabeer milo nirgun se, ajar amar ho jaaee
ham paradeshi panchhi re saadhu bhaai, ini desh ka naaheen,
ini desh ra log acheta, palapal paralay me jaai.tek.







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अपनी वाणी में अमृत घोल
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