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हर तरफ, हर जगह, हर कही पे है,
हा.. उसी का रूप...

हर तरफ, हर जगह, हर कही पे है,
हा.. उसी का रूप...
हा उसी का रूप
रौशनी का कोई दरिया तो है,
हा कही पे ज़रूर..
रौशनी का कोई दरिया तो है
हा कही पे ज़रूर

ये आसमान, ये ज़मी, चांद और सूरज
क्या बना सका है कभी कोई भी कुदरत..
कोई तो है जिसके आगे है आदमी मजबूर..
हर तरफ, हर जगह, हर कही पे है
हा.. उसी का रूप

इंसान जब कोई है राह से भटका
इसने दिखा दिया, उसको सही रास्ता..
कोई तो है जो करता है मुश्किल हमारी दूर..
हर तरफ, हर जगह, हर कही पे है
हा.. उसी का रूप
रौशनी का कोई दरिया तो है



har taraf har jagah har kahi pe hai usi ka roop with Hindi lyrics by Shreya Ghosal

har tarph, har jagah, har kahi pe hai,
haa.. usi ka roop...
ha usi ka roop
raushani ka koi dariya to hai,
ha kahi pe zaroor..
raushani ka koi dariya to hai
ha kahi pe zaroor


ye aasamaan, ye zami, chaand aur sooraj
kya bana saka hai kbhi koi bhi kudarat..
koi to hai jisake aage hai aadami majaboor..
har tarph, har jagah, har kahi pe hai
haa.. usi ka roop

insaan jab koi hai raah se bhatakaa
isane dikha diya, usako sahi raastaa..
koi to hai jo karata hai mushkil hamaari door..
har tarph, har jagah, har kahi pe hai
haa.. usi ka roop
raushani ka koi dariya to hai
ha kahi pe jaroor

har tarph, har jagah, har kahi pe hai,
haa.. usi ka roop...
ha usi ka roop
raushani ka koi dariya to hai,
ha kahi pe zaroor..
raushani ka koi dariya to hai
ha kahi pe zaroor




har taraf har jagah har kahi pe hai usi ka roop with Hindi lyrics by Shreya Ghosal Lyrics





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