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गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,
बहन कुछ समझ ना पाई सासुल को लाई रे बुलाए,

गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,
बहन कुछ समझ ना पाई सासुल को लाई रे बुलाए,
सांस मेरी पूछन लागी किस विध आए श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...


धर्म की माता समझी सेवा करी थी दिन और रात,
बरत ग्यारस की करे थे, मिलने को आए श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

बहुरि तु फलियो फूल्यो, मुझको भी मिल गए श्री भगवान,
सास हरि पैरों में पड़ गई, मुझको भी देना कुछ ज्ञान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

ज्ञान तेरी बहू देगी जिसके हृदय में श्री भगवान,
बहु कुछ ज्ञान बतइओ, कट जा बुढ़ापा मेरा आज,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

सास कभी झूठ ना बोलो मिल जाएंगे तुमको श्री भगवान,
सांस मेरी जल्दी उठ कर दो घड़ी लेना हर का नाम,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

सास चाहे जितना हो जाए कभी ना करियो तू गुमान,
सास पतिव्रता रहना पति में ही देखो श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

बात एक याद रखना जाना पड़ेगा श्मशान,
ग्यारस के व्रत करण से मिल जाएं मुक्ति का धाम,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

सास सत्संग में जइयो करके तू घर का सारा काम,
दो घड़ी भजन सुनाइए काया को मिल जाएगा आराम,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

सास वहां अमृत बरसे काया के कट जाए रोग तमाम,
सास सत्संग में जाना वहीं पर मिलेंगे श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...

गरुड़ के रथ पे बैठकर मेरे घर आए श्री भगवान,
बहन कुछ समझ ना पाई सासुल को लाई रे बुलाए,
सांस मेरी पूछन लागी किस विध आए श्री भगवान,
गरुड़ के रथ पे बैठकर...




garud ke rth pe baithakar mere ghar aae shri bhagavaan,
bahan kuchh samjh na paai saasul ko laai re bulaae,

garud ke rth pe baithakar mere ghar aae shri bhagavaan,
bahan kuchh samjh na paai saasul ko laai re bulaae,
saans meri poochhan laagi kis vidh aae shri bhagavaan,
garud ke rth pe baithakar...


dharm ki maata samjhi seva kari thi din aur raat,
barat gyaaras ki kare the, milane ko aae shri bhagavaan,
garud ke rth pe baithakar...

bahuri tu phaliyo phoolyo, mujhako bhi mil ge shri bhagavaan,
saas hari pairon me pad gi, mujhako bhi dena kuchh gyaan,
garud ke rth pe baithakar...

gyaan teri bahoo degi jisake haraday me shri bhagavaan,
bahu kuchh gyaan batio, kat ja budahaapa mera aaj,
garud ke rth pe baithakar...

saas kbhi jhooth na bolo mil jaaenge tumako shri bhagavaan,
saans meri jaldi uth kar do ghadi lena har ka naam,
garud ke rth pe baithakar...

saas chaahe jitana ho jaae kbhi na kariyo too gumaan,
saas pativrata rahana pati me hi dekho shri bhagavaan,
garud ke rth pe baithakar...

baat ek yaad rkhana jaana padega shmshaan,
gyaaras ke vrat karan se mil jaaen mukti ka dhaam,
garud ke rth pe baithakar...

saas satsang me jiyo karake too ghar ka saara kaam,
do ghadi bhajan sunaaie kaaya ko mil jaaega aaram,
garud ke rth pe baithakar...

saas vahaan amarat barase kaaya ke kat jaae rog tamaam,
saas satsang me jaana vaheen par milenge shri bhagavaan,
garud ke rth pe baithakar...

garud ke rth pe baithakar mere ghar aae shri bhagavaan,
bahan kuchh samjh na paai saasul ko laai re bulaae,
saans meri poochhan laagi kis vidh aae shri bhagavaan,
garud ke rth pe baithakar...




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