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हिमाद्रि तुंग श्रृंग से
प्रबुद्ध शुद्ध भारती ---

हिमाद्रि तुंग श्रृंग से
प्रबुद्ध शुद्ध भारती ---
स्वयं प्रभा समुज्ज्वला
स्वतंत्रता पुकारती ---

अमर्त्य वीरपुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य पंथ है --- बढे चलो,बढे चलो

असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ ,
विकीर्ण दिव्य दाह-सी
सपूत मातृभूमि के ---
रुको न शूर साहसी

अराति सैन्य सिंधु में,सुवाड़वाग्नि-से जलो,
प्रवीर हो जयी बनो -- बढे चलो, बढे चलो !

गायिका - माधुरी मिश्रा
रचयिता - जय शंकर प्रसाद



himadri tung shring se sung by Madhuri Mishra written by Jai Shankar Prasad

himaadri tung shrrang se
prabuddh shuddh bhaaratee
svayan prbha samujjvalaa
svatantrta pukaaratee


amarty veeraputr ho, dardh pratigy soch lo,
prshast puny panth hai bdhe chalo,bdhe chalo

asankhy keertirashmiyaan ,
vikeern divy daahasee
sapoot maatarbhoomi ke
ruko n shoor saahasee

araati sainy sindhu me,suvaadavaagnise jalo,
praveer ho jayi bano bdhe chalo, bdhe chalo !

himaadri tung shrrang se
prabuddh shuddh bhaaratee
svayan prbha samujjvalaa
svatantrta pukaaratee




himadri tung shring se sung by Madhuri Mishra written by Jai Shankar Prasad Lyrics





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राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
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