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पूछो मेरे दिल से यह पैगाम लिखता हूँ, गुजरी बाते तमाम लिखता हूँ
दीवानी हो जाती वो कलम, हे गुरुवार जि

पूछो मेरे दिल से यह पैगाम लिखता हूँ, गुजरी बाते तमाम लिखता हूँ
दीवानी हो जाती वो कलम, हे गुरुवार जिस कलम से तेरा नाम लिखता हूँ

जब से गुरु दर्श मिला, मनवा मेरा खिला खिला
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे
मेरी तो पतंग उड़ गयी रे

फांसले मिटा दो आज सारे, होगये गुरूजी हम तुम्हारे
मनका का पंछी बोल रहा, संग संग डोल रहा
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे, मेरी तो पतंग उड़ गयी रे

आज यह हवाएँ क्यों महकती, आज यह घटाएं क्यों चहकती
अंग अंग में उमंग, बड़ रही है संग संग
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे, मेरी तो पतंग उड़ गयी रे

तुम्ही ही समय सार मेरे, तुम्ही हो नियम सार मेरे
खिल रही है कलि कलि, महक रही गली गली
मेरी तुमसे डोर जुड़ गयी रे, मेरी तो पतंग उड़ गयी रे



jab se guru darash mila manva mera khila khila meri tumse dor jud gayi re meri to patang ud gayi re jain bhajan

poochho mere dil se yah paigaam likhata hoon, gujari baate tamaam likhata hoon
deevaani ho jaati vo kalam, he guruvaar jis kalam se tera naam likhata hoon


jab se guru darsh mila, manava mera khila khilaa
meri tumase dor jud gayi re
meri to patang ud gayi re

phaansale mita do aaj saare, hogaye gurooji ham tumhaare
manaka ka panchhi bol raha, sang sang dol rahaa
meri tumase dor jud gayi re, meri to patang ud gayi re

aaj yah havaaen kyon mahakati, aaj yah ghataaen kyon chahakatee
ang ang me umang, bad rahi hai sang sang
meri tumase dor jud gayi re, meri to patang ud gayi re

tumhi hi samay saar mere, tumhi ho niyam saar mere
khil rahi hai kali kali, mahak rahi gali galee
meri tumase dor jud gayi re, meri to patang ud gayi re

poochho mere dil se yah paigaam likhata hoon, gujari baate tamaam likhata hoon
deevaani ho jaati vo kalam, he guruvaar jis kalam se tera naam likhata hoon




jab se guru darash mila manva mera khila khila meri tumse dor jud gayi re meri to patang ud gayi re jain bhajan Lyrics





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फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
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